सुप्रीम कोर्ट ने बकाया भुगतान नहीं करने के मामले में एरिक्सन इंडिया की अवमानना याचिका पर रिलायंस कम्युनिकेशन लिमिटेड (आरकॉम) के चेयरमैन अनिल धीरूभाई अंबानी और अन्य को सोमवार को नोटिस जारी किए। न्यायमूर्ति आर. एफ. नरीमन की अध्यक्षता वाली पीठ ने अंबानी और अन्य से चार सप्ताह में जवाब मांगा है।
आर कॉम की तरफ से पेश वरिष्ठ अधिवक्ताओं कपिल सिब्बल और मुकुल रोहतगी ने कोर्ट से एरिक्सन इंडिया के बकाये के भुगतान के संबंध में 118 करोड़ रुपये देने की पेशकश की। हालांकि, एरिक्सन के वकील ने यह राशि स्वीकार करने से इनकार किया और कहा कि 550 करोड़ रुपए की पूरी बकाया राशि जमा की जानी चाहिए।
इस पर पीठ ने आर कॉम को रजिस्ट्री में 118 करोड़ रुपए का डिमांड ड्राफ्ट जमा कराने का निर्देश दिया। उल्लेखनीय है कि एरिक्सन इंडिया ने 550 करोड़ रुपये के बकाया का भुगतान करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का कथित तौर पर पालन नहीं करने पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
एरिक्सन ने याचिका में अनिल अंबानी तथा दो अन्य के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू करने की मांग करने के साथ ही उन्हें बकाया भुगतान करने तक सिविल जेल में हिरासत में रखने की भी मांग की है। इसके अलावा उसने अनिल अंबानी, रिलायंस टेलीकॉम लिमिटेड के चेयरमैन सतीश सेठ और रिलायंस इंफ्राटेल लिमिटेड की चेयरपर्सन छाया विरानी के देश छोड़ने पर रोक लगाने की भी गृह मंत्रालय से मांग की है।
सुप्रीम कोर्ट ने 23 अक्टूबर के आदेश में रिलायंस कम्युनिकेशंस को 15 दिसंबर तक बकाया भुगतान करने को कहा था। उसने कहा था कि देरी से हुए भुगतान पर 12 प्रतिशत की दर से ब्याज भी लगेगा।