न्यूनतम वेतन नहीं देने पर होगी सख्त कार्रवाई : सरकार - Punjab Kesari
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न्यूनतम वेतन नहीं देने पर होगी सख्त कार्रवाई : सरकार

सरकार ने कहा है कि कर्मचारियों को उनके काम के बदले न्यूनतम वेतन देना आवश्यक है और जिन

सरकार ने कहा है कि कर्मचारियों को उनके काम के बदले न्यूनतम वेतन देना आवश्यक है और जिन कंपनियों के खिलाफ इस संबंध में शिकायतें आएंगी, उनकी जांच करायी जाएगी और मानकों का पालन नहीं करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। 
कार्मिक एवं लोक शिकायत मंत्री जितेन्द्र सिंह ने लोकसभा में बुधवार को एक पूरक प्रश्न के जवाब में कहा कि मोदी सरकार ने 2017 में न्यूनतम वेतन कानून में संशोधन किया और ऐसा 65 वर्ष बाद हुआ है। न्यूनतम मजदूरी 40 प्रतिशत बढ़ाई गयी है। इसे 18 हजार रुपये से बढ़कर 24 हजार रुपये किया गया है। इसके लिए कानून बनाया गया है और जो भी लोग इस कानून का अनुपालन नहीं कर रहे हैं उनकी शिकायत आने पर मामले की जांच करायी जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। 
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार महिला कर्मचारियों के हितों पर विशेष ध्यान दे रही है। प्रसवकालीन अवकाश को 12 सप्ताह से बढकार 24 सप्ताह कर दिया गया है। सरकार ने प्रधानमंत्री रोजगार योजना आरंभ की है जिसे एक अप्रैल 2016 से सरल बनाया गया है। 
उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के हितों के लिए उनकी सरकार प्रतिबद्ध है। इसी प्रतिबद्धता का पालन करते हुए पिछले वर्ष सरकार ने पीएफ में सरकार की हिस्सेदारी 12 प्रतिशत कर दी है। श्रमिकों की सुविधा के लिए एक पोर्टल भी है जिसमें शिकायतें दर्ज की जा सकती हैं। 
अनुबंध आधारित नियुक्तियों में आरक्षण देने संबंधी सवाल पर उन्होंने कहा कि जिन संस्थानों में 45 दिन से ज्यादा समय के लिए नियुक्ति की जाती है वहां इस तरह की सुविधाएं दी जा रही हैं लेकिन जहां ठेकेदार नियुक्तियां करते हैं वहां आरक्षण लागू करना संभव नहीं है। ठेकेदार अपने हिसाब से लोगों को नियुक्त करते हैं।

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