आरजी कर मेडिकल कॉलेज हिंसा मामले में सख्त एक्शन, दो ACP समेत एक इंस्पेक्टर सस्पेंड Strict Action In RG Kar Medical College Violence Case, Two ACPs And One Inspector Suspended
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आरजी कर मेडिकल कॉलेज हिंसा मामले में सख्त एक्शन, दो ACP समेत एक इंस्पेक्टर सस्पेंड

कोलकाता पुलिस ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में 14 अगस्त की रात हुई तोड़‌फोड़ के मामले में ड्यूटी में लापरवाही बरतने के आरोप में तीन पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। इस महीने की शुरुआत में अस्पताल में एक महिला ट्रेनी डॉक्टर की बलात्कार और हत्या के बाद 14 अगस्त की रात बाहर से आए असामाजिक तत्वों ने कोलकाता में सरकारी आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के आपातकालीन विभाग में तोड़फोड़ की थी। आरोप है कि उन्होंने हत्या के साक्ष्य मिटाने के भी प्रयास किये।

  • आर.जी. कर कॉलेज में लापरवाही के आरोप में तीन पुलिस वाले निलंबित हुए
  • बाहर से आए असामाजिक तत्वों ने हत्या के साक्ष्य मिटाने के भी प्रयास किये
  • दो सहायक पुलिस आयुक्त (ACP) और एक इंस्पेक्टर को निलंबित कर दिया गया

15 अगस्त को ड्यूटी में लापरवाही बरतने का आरोप

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कोलकाता पुलिस ने ड्यूटी में लापरवाही बरतने के आरोप में मंगलवार को दो सहायक पुलिस आयुक्त (ACP) और एक इंस्पेक्टर को निलंबित कर दिया। इन पर 15 अगस्त को ड्यूटी में लापरवाही बरतने का आरोप है। तीनों अधिकारी उस दिन अस्पताल में ड्यूटी पर थे। तोड़फोड़ की घटना तब हुई जब महिलाओं के नेतृत्व में बड़ी संख्या में लोग कोलकाता की सड़कों पर उतरे और उसी अस्पताल की जूनियर डॉक्टर के लिए न्याय की मांग की, जो इस जघन्य बलात्कार और हत्या की शिकार बनी थी। इस घटना के बाद शिकायतें सामने आईं कि तोड़‌फोड़ जानबूझकर की गई थी, ताकि स्वतःस्फूर्त विरोध से ध्यान भटकाया जा सके।

कोलकाता पुलिस आयुक्त ने मानी खामियों की बात

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शहर के पुलिस अधिकारियों ने तीनों अधिकारियों को निलंबित करने का फैसला ऐसे समय में लिया, जब कुछ घंटे पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने 15 अगस्त को हुई तोड़फोड़ से निपटने में पुलिस की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाए थे। बर्बरता की रात, प्रदर्शनकारी मेडिकल छात्रों और जूनियर डॉक्टरों ने शिकायत की कि अस्पताल परिसर में तैनात पुलिसकर्मी बाहरी लोगों द्वारा की जा रही तोड़‌फोड़ के दौरान मूकदर्शक बने रहे। यहां तक कि 16 अगस्त को भी कोलकाता के पुलिस आयुक्त विनीत कुमार गोयल ने उस रात अपने अधिकारियों और जवानों की ओर से खामियों की बात स्वीकार की थी। उन्होंने माना कि पुलिस को यह अंदाजा नहीं था कि आर.जी. कर के सामने शांतिपूर्ण आंदोलन अचानक हिंसक हो जाएगा। पुलिस कमिश्नर ने 16 अगस्त को कहा था। “यह हमारी गलती थी। डिप्टी कमिश्नर के सिर पर चोट लगने के बाद, हमारे सुरक्षाकर्मी भ्रमित हो गए और उन्हें संभलने में समय लगा। पुलिस के जवान भी घायल हो गए। अगर आप इसे हमारी विफलता कहना चाहते हैं, तो आप ऐसा कर सकते हैं।”

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पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।