जम्मू-कश्मीर : राज्य चुनाव आयोग ने विधानसभा चुनाव के दौरान आदर्श आचार संहिता के दिशा-निर्देशों के उल्लंघन के मामले में 23 सरकारी अधिकारियों को निलंबित किया है। इसके साथ ही, प्रवर्तन एजेंसियों ने कुल 130 करोड़ रुपये जब्त किए हैं। राज्य चुनाव आयोग के अनुसार, 20 सरकारी कर्मचारियों को उनके वर्तमान कार्यालयों से अन्य तहसीलों और जिलों में स्थानांतरित किया गया है, जिन पर एक राजनीतिक दल के पक्ष में काम करने के आरोप लगे थे। इसके अतिरिक्त, आयोग ने आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने के लिए छह संविदा और तदर्थ कर्मचारियों को भी हटा दिया है।
Highlight :
- चुनाव आयोग ने 23 सरकारी अधिकारियों को निलंबित किया
- आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का मामला, 20 कर्मचारी स्थानांतरित
- प्रवर्तन एजेंसियों ने चुनाव के दौरान कुल 130 करोड़ रुपये जब्त किए
आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन मामले में 23 सरकारी अधिकारी निलंबित
प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा जब्त की गई 130 करोड़ रुपये की राशि में, पुलिस विभाग ने सबसे अधिक 107.50 करोड़ रुपये जब्त किए हैं। इसके बाद केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर विभाग ने 9.88 करोड़ रुपये, राज्य वस्तु एवं सेवा कर विभाग ने 8.03 करोड़ रुपये, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने 2.06 करोड़ रुपये, आयकर विभाग ने 87 लाख रुपये और राज्य आबकारी विभाग ने 50 लाख रुपये की राशि जब्त की है। जम्मू-कश्मीर के मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) पीके पोले ने बताया कि विभिन्न राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को रैलियों, जुलूसों, पार्टी कार्यालयों के उद्घाटन, वाहनों, बैनर, झंडे, पर्चे, होर्डिंग्स, नुक्कड़ सभाओं, डोर-टू-डोर प्रचार, हेलीकॉप्टर, वीडियो वैन, और पार्टी पदाधिकारियों के लिए वाहन अनुमतियों के संबंध में कुल 7,088 अनुमतियां दी गईं हैं।
अब तक 1,263 उल्लंघनों में से 600 की जांच के बाद कार्रवाई की गई
सीईओ ने आगे जानकारी देते हुए बताया कि अब तक दर्ज किए गए 1,263 एमसीसी उल्लंघनों में से 600 मामलों को जांच के बाद बंद कर दिया गया है और उचित कार्रवाई की गई है। वहीं, 364 मामलों की अभी भी जांच चल रही है, जिसका जल्द ही निपटारा किया जाएगा। इसके अलावा, उम्मीदवारों, राजनीतिक दलों, मीडिया घरानों और अन्य के खिलाफ एमसीसी उल्लंघन के लिए 115 नोटिस जारी किए गए हैं।
पारदर्शिता बनाए रखने के लिए चुनाव आयोग की यह कार्रवाई महत्वपूर्ण
प्रवर्तन एजेंसियों ने ड्रग्स, नकदी, और अवैध शराब ले जाने के मामलों में 32 एफआईआर भी दर्ज की हैं। इस प्रकार, चुनावी प्रक्रिया के दौरान अनुशासन और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए चुनाव आयोग की यह कार्रवाई महत्वपूर्ण मानी जा रही है। जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के दौरान ऐसे कदम चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए उठाए जा रहे हैं, ताकि लोकतंत्र का सही पालन हो सके और मतदाता स्वतंत्र रूप से अपने अधिकार का उपयोग कर सकें।
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