जीएसटी पर धर्मेंद्र प्रधान का अजीब बयान, बोले- नया जूता तीन दिन काटता है - Punjab Kesari
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जीएसटी पर धर्मेंद्र प्रधान का अजीब बयान, बोले- नया जूता तीन दिन काटता है

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नोटबंदी और जीएसटी के कारण देश में नौकरियों की तादाद में कमी की बात खारिज करते हुए कौशल विकास मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने आज कहा कि इस विषय में सरकार के खिलाफ बेवजह माहौल बनाया जा रहा है। प्रधान ने इंदौर के पास दूधिया गांव में एक कार्यक्रम में शामिल होने के बाद संवाददाताओं से कहा, बेवजह इस बात का हौवा खड़ किया जा रहा है कि देश में जीएसटी और नोटबंदी से नौकरियां घटी हैं।

उन्होंने जीएसटी और नोटबंदी से नौकरियों में कमी की खबरों को लेकर पूछे गये सवाल पर कहा, आप कोई नया जूता लेते हो, तो वह तीन दिन काटता है और चौथे दिन पैर में फिट बैठ जाता हैं। प्रधान ने दावा किया कि देश में जीएसटी की वजह से करदाताओं की संख्या बढ़ है और कर प्रणाली आसान हुई है।

नौजवानों को रोजगार देने में सरकार की नाकामी के विपक्ष के आरोप पर केंद्रीय मंत्री ने सियासत के नेहरू-गांधी परिवार पर निशाना साधते हुए कहा, जो लोग तीन पीढ़ से देश पर शासन कर रहे थे, वे लोग आज नौजवानों के नाम पर घडय़राली आंसू बहा रहे हैं। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा जीएसटी को गब्बर सिंह टैक्स बताये जाने को प्रधान ने असभ्यता करार दिया।

उन्होंने कहा, वह (राहुल) इस तरह के शब्दों के इस्तेमाल के आदी हैं। भगवान उन्हें सद्बुद्धि दें। वर्ष 2014 के आम चुनावों में जनता ने उन्हें करारी हार का स्वाद चखाया था। लिहाजा मैं उनकी मानसिक हालत समझ सकता हूं। केंद्रीय मंत्री ने कहा, वह (राहुल) अपने भविष्य के बारे में चिंतित हैं। मैं उन्हें शुभेच्छाएं देता हूं। प्रधान आईसीआईसीआई अकादमी फॉर स्किल्स के दीक्षांत समारोह में हिस्सा लेने दूधिया गांव पहुंचे थे। इस कार्यक्रम में आईसीआईसीआई बैंक की प्रबंध निदेशक चंदा कोचर और मध्यप्रदेश की खेल तथा युवा कल्याण मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया भी मौजूद थीं।

कौशल विकास मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार द्विपक्षीय समझौते के तहत भारतीय युवाओं को कृषि, कपड़ उद्योग, सेवा क्षेत्र और कल-कारखानों में प्रशिक्षण एवं रोजगार के लिये जापान भेजेगी। उन्होंने कहा, मध्यप्रदेश सरकार को इस अवसर का लाभ लेने के लिये आगे आना चाहिए। हम प्रदेश के युवाओं को जापान भेजने से पहले उन्हें जापानी भाषा सिखाने का इंतजाम करने को तैयार हैं। प्रधान ने यह भी कहा कि अगर प्रदेश सरकार का सहयोग मिलता है, तो पेट्रोलियम मंत्रालय के तहत आने वाले सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम अपनी कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी के तहत सूबे में ड्रायवरों के प्रशिक्षण के लिये संस्थान खोल सकते हैं।

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