ईरान-इजराइल तनाव पर सोनिया गांधी ने जताई चिंता, मोदी सरकार की चुप्पी पर उठाए सवाल - Punjab Kesari
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ईरान-इजराइल तनाव पर सोनिया गांधी ने जताई चिंता, मोदी सरकार की चुप्पी पर उठाए सवाल

इजराइल की कार्रवाई को बताया भयावह

नई दिल्ली। कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी ने ईरान और इजराइल के बीच बढ़ते तनाव को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए एक विस्तृत लेख लिखा है, जिसमें उन्होंने ईरान पर इजराइल के हमले की तीखी निंदा की है और मोदी सरकार की चुप्पी पर गंभीर सवाल उठाए हैं। सोनिया गांधी के इस लेख का शीर्षक है- “भारत की आवाज को सुनने के लिए अभी भी बहुत देर नहीं हुई है।” कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इस लेख को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर साझा किया है।

ईरान-भारत संबंधों को बताया ऐतिहासिक

अपने लेख में सोनिया गांधी ने भारत और ईरान के पुराने और घनिष्ठ संबंधों का ज़िक्र करते हुए लिखा कि ईरान हमेशा भारत का सहयोगी रहा है। उन्होंने 1994 की उस घटना को याद किया जब संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग में जम्मू-कश्मीर पर भारत के खिलाफ प्रस्ताव लाया गया था। उस समय, ईरान ने भारत का साथ देकर उस प्रस्ताव को रुकवाने में अहम भूमिका निभाई थी।

उन्होंने यह भी कहा कि मौजूदा इस्लामी गणराज्य ईरान, पूर्व के शाही शासन की तुलना में भारत के प्रति अधिक सहयोगी रहा है। शाही शासन ने 1965 और 1971 के भारत-पाक युद्धों में पाकिस्तान का समर्थन किया था, लेकिन इसके बावजूद वर्तमान ईरानी शासन ने भारत के साथ मजबूत संबंध बनाए रखे हैं।

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इजराइल से संबंधों का भी किया उल्लेख

सोनिया गांधी ने भारत और इजराइल के बीच पिछले कुछ दशकों में विकसित हुए रणनीतिक संबंधों को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि यह स्थिति भारत को एक अद्वितीय कूटनीतिक अवसर देती है — भारत दोनों पक्षों के बीच “शांति और संवाद का पुल” बन सकता है। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि वह पश्चिम एशिया में रह रहे भारतीयों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए विदेश नीति में सक्रिय और संतुलित भूमिका निभाए।

हमास और इजराइल दोनों की कार्रवाइयों की आलोचना

सोनिया गांधी ने 7 अक्टूबर 2023 को हमास द्वारा किए गए इजराइल पर हमले की निंदा की, लेकिन साथ ही इजराइल द्वारा गाजा पट्टी पर किए गए जवाबी हमलों को भी “भयावह और असंगत” बताया। उन्होंने कहा कि अब तक 55,000 से अधिक फिलिस्तीनी नागरिक मारे जा चुके हैं, और गाजा क्षेत्र गंभीर मानवीय संकट के कगार पर पहुंच चुका है। उन्होंने उल्लेख किया कि अस्पताल, घर और पूरी की पूरी बस्तियां तबाह हो चुकी हैं और लोग भुखमरी की स्थिति में हैं।

मोदी सरकार पर सीधा हमला

लेख में सोनिया गांधी ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि सरकार ने भारत की पारंपरिक ‘दो-राष्ट्र समाधान’ नीति से विमुख होकर फिलिस्तीन को स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में देखने की ऐतिहासिक नीति को नजरअंदाज कर दिया है। यह नीति इजराइल और फिलिस्तीन दोनों के लिए आपसी सम्मान और सुरक्षा सुनिश्चित करने पर आधारित थी। उन्होंने कहा कि भारत सरकार की चुप्पी यह दर्शाती है कि देश अपनी नैतिक और कूटनीतिक परंपराओं से पीछे हट रहा है। “यह सिर्फ भारत की आवाज की अनुपस्थिति नहीं है, बल्कि हमारे मूल्यों का आत्मसमर्पण है,” उन्होंने कहा।

अब भी देर नहीं हुई है’

लेख के अंत में सोनिया गांधी ने सरकार से अपील करते हुए कहा कि “अब भी बहुत देर नहीं हुई है।” उन्होंने कहा कि भारत को अपनी ऐतिहासिक भूमिका निभाते हुए इस संकट में स्पष्ट और साहसी कूटनीतिक रुख अपनाना चाहिए। भारत को पश्चिम एशिया के देशों के बीच संवाद को प्रोत्साहित करना चाहिए और क्षेत्र में तनाव को कम करने की दिशा में पहल करनी चाहिए।

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