Sonam Wangchuk : सोनम वांगचुक सहित लद्दाख के नागरिकों के एक समूह को हिरासत में लिया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मंगलवार को भाजपा सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि उसने शांतिपूर्वक दिल्ली की ओर मार्च कर रहे कार्यकर्ता पर खड़गे ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेना एक कायरतापूर्ण कार्रवाई हैं, यह अलोकतांत्रिक प्रकृति को दर्शाता हैं ।
Highlight
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लद्दाख से पदयात्रा कर दिल्ली आए सोनम वांगचुक हिरासत में
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मार्च में सोनम वांगचुक ने 21 दिन की भूख हड़ताल की थी
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‘पर्यावरण और संवैधानिक अधिकारों के लिए शांतिपूर्वक मार्च कर रहे सोनम वांगचुक
संवेदनशील हिमालयी ग्लेशियरों का कैसे हो रहा दोहन
लद्दाख में जन समर्थन की लहर बढ़ रही है और संविधान की छठी अनुसूची के तहत आदिवासी समुदायों की सुरक्षा के लिए व्यापक आह्वान किया जा रहा है। इसके बजाय, सरकारे अपने दोस्तों के साथ मिलकर लद्दाख के पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील हिमालयी ग्लेशियरों का दोहन करना चाहती है। वेणुगोपाल ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, गांधी जयंती से एक दिन पहले, भारत सरकार एक बार फिर उनके आदर्शों की हत्या करने पर आमादा है। सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी से पता चलता है कि सरकार अपने अधिकारों के लिए बोलने वाले किसी भी व्यक्ति से डरती है।
लद्दाख के लोग तीन साल से अपने अधिकारों को शांतिपूर्ण तरीके से मांग रहे
लद्दाख को चुप करा दिया गया है, उसके लोकतांत्रिक अधिकारों को छीन लिया गया है और उसे बड़े कॉरपोरेट्स को सौंपे जाने की कगार पर खड़ा कर दिया गया है। यह विरोध महीनों पुराना है जो अब गांधीवादी मिशन पर निकल पड़े हैं। कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की हिरासत के जवाब में, लद्दाख के सांसद हाजी हनीफा जान ने क्षेत्र में चल रहे मुद्दों से निपटने के सरकार के तरीके पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने सरकार से एक ऐसा मंच उपलब्ध कराने का आग्रह किया, जहां वे प्रधानमंत्री मोदी को ज्ञापन सौंप सकें या मुद्दों को हल करने के लिए नेतृत्व के साथ बातचीत कर सकें। लद्दाख के सांसद हाजी हनीफा जान ने कहा, पिछले तीन सालों से हम अपनी चिंताओं को बहुत ही शांतिपूर्ण तरीके से उठा रहे हैं,सरकार के साथ कई दौर की चर्चा भी हुई,हमें उम्मीद थी कि नई सरकार बनने के बाद बातचीत जारी रहेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ,हम कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (केडीए) और एपेक्स बॉडी के बैनर तले लेह से पैदल निकले थे, इस उम्मीद के साथ कि हम राष्ट्रीय राजधानी में केंद्र सरकार के सामने अपनी बात रखेंगे और हमारी चिंताओं को सुना जाएगा। लेकिन दुर्भाग्य से, सोनम वांगचुक और उनकी टीम को कल हिरासत में ले लिया गया,हम सरकार से आग्रह करते हैं कि हमें एक जगह मुहैया कराई जाए, जहां से हम पीएम मोदी को ज्ञापन सौंप सकें या इस मुद्दे को सुलझाने के लिए नेतृत्व के साथ बातचीत कर सकें।
लद्दाख की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग
इस बीच, सोमवार रात को प्रसिद्ध कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की हिरासत के बाद कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (केडीए) और एपेक्स बॉडी, लेह ने पूरे लद्दाख में बंद का आह्वान किया है। 87 वर्षीय एपेक्स कार्यकर्ता हजान फातिमा बानो ने अपने अधिकारों की मांग कर रहे लद्दाख के अन्य लोगों के साथ कार्यकर्ता वांगचुक की हिरासत पर अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, हमने सुना है कि उन्हें हिरासत में लिया गया है। वे संघर्ष में शामिल होने नहीं गए थे; वे लद्दाख के लोगों की ओर से छठी अनुसूची की वकालत करने गए थे। हम उनके लिए अपनी जान देने को तैयार हैं। उन्हें बंदी नहीं बनाया जाना चाहिए। जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक और उनके समर्थकों को दिल्ली पुलिस ने सोमवार रात सिंघू सीमा पर हिरासत में लिया। दिल्ली पुलिस ने कहा कि दिल्ली की सीमाओं पर बीएनएस की धारा 163 लागू कर दी गई है।
भूमि और सांस्कृतिक पहचान की रक्षा के लिए कानून की मांग
वांगचुक और अन्य स्वयंसेवक केंद्र से उनकी मांगों के संबंध में लद्दाख के नेतृत्व के साथ बातचीत फिर से शुरू करने का आग्रह करने के लिए लेह से नई दिल्ली तक पैदल मार्च कर रहे थे। उनकी प्रमुख मांगों में से एक लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करना है, जिससे स्थानीय लोगों को अपनी भूमि और सांस्कृतिक पहचान की रक्षा के लिए कानून बनाने की शक्ति मिल सके।
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