सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मंत्री विजय शाह के खिलाफ कर्नल सोफिया कुरैशी पर विवादास्पद टिप्पणी के मामले में तीन सदस्यीय SIT का गठन किया गया है। कोर्ट ने मंत्री की माफी को ‘मगरमच्छ के आंसू’ करार दिया और जांच टीम में एक महिला अधिकारी शामिल करने का आदेश दिया। SIT को 28 मई तक रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया है।
भारतीय सेना की अफसर कर्नल सोफिया कुरैशी पर विवादास्पद टिप्पणी करने वाले मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री कुंवर विजय शाह के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर तीन सदस्यीय विशेष जांच दल (SIT) का गठन कर दिया गया है। सोमवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिया कि मामले की जांच एक IG और दो SP रैंक के IPS अधिकारियों की टीम करेगी, जिसमें एक महिला अधिकारी होना जरूरी होगा। इसके बाद डीजीपी कैलाश मकवाना ने रात में एसआईटी का आदेश जारी कर दिया। कोर्ट ने मंत्री की माफी को “मगरमच्छ के आंसू” करार देते हुए उसे अस्वीकार कर दिया और कहा कि जनता के प्रतिनिधि को अपने शब्दों की ज़िम्मेदारी लेनी चाहिए। कोर्ट ने SIT को 28 मई तक स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है।
SIT में कौन-कौन हैं शामिल?
गठित टीम में तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी हैं:
प्रमोद वर्मा (IG सागर रेंज): 2001 बैच के अधिकारी, 2022 में उत्कृष्ट सेवा पदक से सम्मानित।
डी. कल्याण चक्रवर्ती (DIG, SAF): 2010 बैच के अधिकारी, सीबीआई में भी रह चुके हैं।
वाहिनी सिंह (SP डिंडौरी): 2014 बैच की ईमानदार और सख्त महिला अधिकारी, मूलतः राजस्थान की रहने वाली।
क्या कहा था मंत्री विजय शाह ने?
विजय शाह ने 11 मई को महू के रायकुंडा गांव में “हलमा” कार्यक्रम के दौरान ऑपरेशन सिंदूर पर बोलते हुए कर्नल सोफिया कुरैशी को आतंकवादियों की बहन कहा। उन्होंने कहा, “तुम्हारे समाज की बहन आकर तुम्हें नंगा करके छोड़ेगी” इस बयान के बाद 14 मई को हाईकोर्ट के आदेश पर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई।
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सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
सुनवाई में मंत्री के वकील ने माफी की बात कही, लेकिन जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, “यह माफी मगरमच्छ के आंसू जैसी है।” कोर्ट ने टिप्पणी की कि पब्लिक फिगर को बोलने से पहले सोच-समझकर शब्दों का चयन करना चाहिए। उन्होंने कहा, “आप जनता के सामने पूरी तरह बेनकाब हो चुके हैं।”