Shyamji Krishna Jayanti : पीएम मोदी ने 56 साल बाद श्यामजी कृष्ण की अधूरी इच्छा की पूरी
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Shyamji Krishna Jayanti : पीएम मोदी ने 56 साल बाद श्यामजी कृष्ण की अधूरी इच्छा की पूरी

Shyamji Krishna Jayanti

Shyamji Krishna Jayanti : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को स्वतंत्रता सेनानी श्यामजी कृष्ण वर्मा की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ”महान स्वतंत्रता सेनानी और मां भारती के वीर सपूत श्यामजी कृष्ण वर्मा को उनकी जन्म-जयंती पर शत-शत नमन। साथ ही उन्होंने अपने क्रांतिकारी कदमों से देश की स्वतंत्रता के संकल्प में अद्भुत शक्ति भरने का काम किया। राष्ट्र के प्रति उनका समर्पण और सेवा भाव हर पीढ़ी को प्रेरित करता रहेगा।

Shyamji Krishna Jayanti पर क्या बोले पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को स्वतंत्रता सेनानी श्यामजी कृष्ण वर्मा की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी। वहीं स्वतंत्रता सेनानी श्यामजी कृष्ण वर्मा की जयंती के बीच मोदी आर्काइव नाम के सोशल मीडिया अकाउंट से प्रधानमंत्री मोदी की कुछ पुरानी तस्वीरें शेयर की गई। साथ ही उन्होंने कहा कि राष्ट्र के प्रति उनका समर्पण और सेवा भाव हर पीढ़ी को प्रेरित करता रहेगा।बता दें कि फोटो उस वक्त कि है जब गुजरात के सीएम रहे नरेंद्र मोदी ने खुद उनकी अंतिम इच्छा पूरा की और अस्थियां लेने जिनेवा गए थे।

Shyamji Krishna Jayanti : मोदी आर्काइव नाम के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बताया गया , ”श्यामजी कृष्ण वर्मा का निधन 1930 में हुआ, इस उम्मीद के साथ कि उनकी अस्थियां एक दिन स्वतंत्र भारत में वापस आएंगी। हालांकि, भारत की आजादी के 56 साल बाद तक उनकी यह इच्छा पूरी नहीं हुई। अगस्त 2003 में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी स्वतंत्रता सेनानी के अंतिम अनुरोध का सम्मान करते हुए उनकी अस्थियों को जिनेवा से भारत लेकर आए। बता दें 22 अगस्त 2003 को सीएम मोदी विले डी जिनेवे और स्विस सरकार से श्यामजी कृष्ण वर्मा की अस्थियां लेने के लिए जिनेवा के सेंट जॉर्ज कब्रिस्तान, स्विट्जरलैंड पहुंचे। जिससे इस देशभक्त की लंबे समय से अधूरी रही इच्छा पूरी हुई।

दरअसल, 30 मार्च 1930 को श्यामजी कृष्ण वर्मा(Shyamji Krishna Jayanti ) का निधन हो गया था और उनकी आखिरी इच्छा थी कि भारत को आजादी मिलने के बाद उनकी अस्थियां स्वदेश लाई जाए। 56 सालों तक श्यामजी कृष्ण वर्मा अस्थियों को लेने कोई जिनेवा नहीं गया। लेकिन, 22 अगस्त 2003 को गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्विट्जरलैंड की सरकार से उनकी अस्थियां ली और खुद ही भारत लेकर आए।इसके बाद नरेंद्र मोदी ने एक भव्य ‘वीरांजलि यात्रा’ का आयोजन किया, जो एक स्मारकीय यात्रा थी। जिसमें श्यामजी की अस्थियों का कलश 17 जिलों से होकर गुजरा।

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