देशभर में धूमधाम से मनाई गई श्रीकृष्ण जन्माष्टमी - Punjab Kesari
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देशभर में धूमधाम से मनाई गई श्रीकृष्ण जन्माष्टमी

देशभर में श्रीकृष्‍ण जन्‍माष्‍टमी का पर्व बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है। भगवान कृष्ण की जन्मस्थली मथुरा

देशभर में श्रीकृष्‍ण जन्‍माष्‍टमी का पर्व बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है। भगवान कृष्ण की जन्मस्थली मथुरा के प्रमुख मंदिरों में हजारों भक्तों की भीड़ उमड़ी। जन्माष्टमी भगवान कृष्ण के जन्म के उपलक्ष्य में मनाई जाती है। इस दिन मंदिरों और घरों में सजावट की जाती है और श्रीकृष्ण के जीवन की झाकियां लगाई जाती हैं। ऐसी मान्यता है कि जन्माष्टमी पर विधि पूर्वक पूजन करने से घर में सुख-शांति आती है और सफलता भी मिलती है। धार्मिक मान्यता है कि कृष्ण जी के बाल रूप का पूजन रात्रि में उनके जन्म के समय ही करना शुभ होता है।
आपको बता दे कि इस साल दो दिन 6 और 7 सितंबर को जन्‍माष्‍टमी मनाया जा रहा है। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मथुरा और वृंदावन में विशेष तैयारी की गई है। भारी संख्या में श्रद्धालुओं के जुटने लगे हैं। बता दे कि जिला प्रशासन ने यहां मंदिरों में बड़े पैमाने पर इंतजाम किए हैं। खासकर पूर्व में हुए हादसों को ध्यान में रखते हुए भीड़ को नियंत्रित करने का पुख्ता इंतजाम किया गया है। 7 सितंबर (गुरुवार) को कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था के बीच शांति और सद्भावना से मनाया जा रहा है। 
जन्माष्टमी की बहुत-बहुत बधाई – PM मोदी
वही , आपको बता दे कि दक्षिण पूर्वी राष्ट्रों के संगठन ‘आसियान’-भारत शिखर सम्मेलन और 18वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता पहुंचे मोदी ने सोशल नेटवर्किंग साइट ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘जन्माष्टमी की बहुत-बहुत बधाई। श्रद्धा और भक्ति का यह पावन अवसर मेरे सभी परिवारजनों (नागरिकों के संदर्भ में) के जीवन में नई ऊर्जा और नए उत्साह का संचार करे, यही कामना है। जय श्रीकृष्ण!’’
अमित शाह जन्माष्टमी के अवसर पर इस्कॉन मंदिर में करेंगे पूजा-अर्चना 
आपको बता दे कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जन्माष्टमी के अवसर पर दक्षिणी दिल्ली के ईस्ट ऑफ कैलाश में स्थित इस्कॉन मंदिर जाएंगे और पूजा-अर्चना करेंगे।
सूत्र ने कहा कि जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर गृह मंत्री दक्षिणी दिल्ली के ईस्ट ऑफ कैलाश स्थित इस्कॉन मंदिर जाएंगे और रात साढ़े ग्यारह बजे पूजा-अर्चना करेंगे।’’ 
पंचामृत में तुलसी के पत्ते भी अवश्य डालें
जन्माष्टमी पर श्रीकृष्ण को पंचामृत अवश्य अर्पित करें। इसमें तुलसी के पत्ते भी अवश्य डालें। साथ ही सूखे मेवे, मक्खन और मिश्री का भोग लगाएं। कुछ स्थानों पर धनिया पत्ती भी चढ़ाई जाती है।
जन्माष्टमी की सुबह स्नान करें और व्रत और पूजा का संकल्प लें
बता दे कि जन्माष्टमी की सुबह स्नान करें और व्रत और पूजा का संकल्प लें। पूरे दिन पानी या फल खाएं और सात्विक रहें। आधी रात के समय भगवान कृष्ण की धातु की मूर्ति किसी बर्तन में रखें। सबसे पहले उसे दूध, फिर दही, फिर शहद और चीनी और अंत में घी से स्नान कराएं। इसे पंचामृत स्नान कहा जाता है। इसके बाद कान्हा को जल से स्नान कराएं।
जन्माष्टमी की तारीख और समय 
आपको बता दे कि इससे पहले अष्टमी तिथि 6 सितंबर को दोपहर करीब 3.30 बजे शुरू होगी और 7 सितंबर को शाम 4 बजे तक रहेगी। श्रीकृष्ण का जन्म अष्टमी तिथि की रात में हुआ था, इसलिए ज्योतिषियों और ग्रंथों का कहना है 6 को जन्माष्टमी मनाएं।
7 तारीख को सूर्योदय के वक्त अष्टमी तिथि रहेगी, इसलिए उदया तिथि की परंपरा के मुताबिक ज्यादातर मंदिरों में इसी दिन जन्माष्टमी मनेगी। इस लिहाज से देश के ज्यादातर हिस्सों में 7 सितंबर को ही जन्माष्टमी मनाई जा रही है।

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