कॉम्फेड अपने विपणन को और बढाए : नीतीश कुमार - Punjab Kesari
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कॉम्फेड अपने विपणन को और बढाए : नीतीश कुमार

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पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज सम्राट अशोक कन्वेंशन केंद्र के बापू सभागार में कॉम्फेड के 35वें स्थापना दिवस समारोह का दीप प्रज्वलित कर विधिवत उद्घाटन किया। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि सबसे पहले कॉम्फेड के 35वें स्थापना दिवस पर आप सभी को बधाई देता हूं। इससे पहले कई बार स्थापना दिवस पर मुझे उपस्थित होने का मौका मिला है। कॉम्फेड एवं पशु एवं मत्स्य विभाग को इस कार्यक्रम में आमंत्रित करने के लिए भी मैं आप लोगों को धन्यवाद देता हूं। जब हमने कार्यभार संभाला था उस समय 4 लाख लीटर दूध का संग्रहण होता था और आज प्रतिदिन 20 लाख 85 हजार लीटर दूध का संग्रहण हो रहा हैए ये कोई मामूली बात नहीं है। हम चाहते हैं कि इसमें और तरक्की हो।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले दुग्ध का संग्रहण एवं वितरण ठीक ढंग से नहीं हो रहा था। आज इसमें काफी सुधार हुआ है। आज दूध के उत्पादों की बाजार में विश्वसनीयता काफी बढ़ी है, जैसे मिठाईए पाउडर आदि। पहले दूध का पाउडर बनाने के लिए उत्तर प्रदेश जाना पड़ता था। आज टेट्रा पैकिंग उत्पाद की शुरुआत की गई है। इसका उपयोग 3 से 6 महीने तक किया जा सकता है। यह अच्छे फ्लेवर्ड में स्वास्थ्यवद्र्धक एवं स्वादिष्ट है। हमने इसका पहले ही सुझाव दिया था।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने डेयरी प्लांट के लिए कॉम्फेड को काफी सहयोग किया है ताकि इसका विस्तार हो सके, दुग्ध उत्पादन बढ़े दुग्ध उत्पादकों को बेहतर पैसा मिले इसकी गारंटी हो। अपने यहां दुग्ध खपत की काफी संभावना है। अभी भी हम राष्ट्रीय औसत से नीचे हैं। दुग्ध उत्पादन के लिए संगठित होकर काम किया जा रहा है। दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियां एवं संगठन इसके लिए कार्यशील हैं। आज कॉम्फेड एवं सुधा की प्रतिष्ठा बिहार के साथ-साथ बिहार के बाहर भी काफी है। वर्ष 2017-18 में प्रतिदिन 14 लाख 55 हजार लीटर दुग्ध का व्यापार हुआ है। टेट्रा पैक दुग्ध का विपणन 24 लाख 45 हजार लीटर हुआ है। सुधा अल्ट्राहीट ट्रीटमेंट यूएचटी का विपणन बिहार राज्य के अतिरिक्त झारखंडए पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, त्रिपुरा, मिजोरम, नागालैंड एवं अरुणाचल प्रदेश आदि राज्यो में हो रहा है। सुधा के उत्पाद काफी प्रचलित हो रहे हैं, इसका बाजार बिहार के अलावा झारखंड, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश एवं उत्तर पूर्वी राज्यों के 160 शहरों में विस्तारित हुआ है। मुझे विश्वास है कि कॉम्फेड अपने विपणन को और बढ़ाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पशु एवं मत्स्य विभाग ने पशु चिकित्सा एवं पशु सुविधा के लिए काम किया है। पिछले साल राज्य सरकार द्वारा 5 करोड़ 26 लाख पशुओं का टीकाकरण किया गया है। जनवरी 2018 तक 52 लाख 13 हजार पशुओं का कृमिनाशन किया गया। यह काम निरंतर चलते रहना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि पशुपालन एवं दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में महिलाओं को आगे लाने के लिये महिला सहकारी समिति के गठन का सुझाव दिया गया था।

मुझे खुशी है कि कॉम्फेड के माध्यम से 2653 महिला सहकारी समितियों का गठन किया जा चुका है। इससे न सिर्फ महिलाओं में आत्मविश्वास बढ़ेगा बल्कि परिवार की आमदनी बढ़ेगी और समाज में महिलाओं का महत्व भी बढ़ेगा। इस तरह के प्रोत्साहन से महिलाओं का सशक्तिकरण होगा। महिला विकास निगम ने महिला सहकारी समितियों की सफलता गाथा में जमीनी स्तर पर इसका आकलन किया है जिसमें पता चलता है कि महिला सशक्तिकरण की दिशा में ठोस काम किया गया है। इन महिला सहकारी समितियों का और विस्तार करते रहिए इससे दुग्ध उत्पादन में वृद्धि होगी और लोगों की आमदनी भी बढ़ेगी।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि कॉम्फेड ने बिहार में सहकारी समितियों के माध्यम से काम को आगे बढ़ाया है और यह अकेली ऐसी संस्था है जो हमेशा कार्यरत रही है। सहकारी समितियों एवं संघों में लोकतांत्रिक ढंग से काम करते हैं। इस विश्वास के चलते कॉम्फेड निरंतर काम करता रहा। अब तो यह नई ऊंचाईयों को प्राप्त कर रहा है। कॉम्फेड ने पशुओं के लिए पशु चारा एवं अन्य क्षेत्रों में भी काम किया है। आज सहकारी समितियों एवं संघों के प्रतिनिधि जो पुरस्कृत किए गए हैं उनको बधाई देता हूं। कॉम्फेड की तरफ से राज्य सरकार को धन राशि मुहैया करायी गई है। कॉम्फेड इसी तरह लाभ कमाती रहे। राज्य सरकार पैसा लगाती रही है लेकिन जब आपके लाभ से राज्य सरकार को अगर कुछ सांकेतिक राशि मिली है इससे खुशी की बात और क्या हो सकती है।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि 35वें स्थापना दिवस के इस शुभ अवसर पर मैं आपको यह जानकारी दे दूं कि मई से जुलाई महीने में सुधा दाना के मद में 2 रुपए प्रति किलो की दर से अनुदान दिया जाएगा। इसके लिए राज्य सरकार राज्य निधि से 16 करोड़ रुपया वहन करेगी। ज्ञात हो कि इन महीनों में दुग्ध उत्पादन को बनाए रखने के लिए जानवरों को विशेष पशु चारा दिया जाता है। कॉम्फेड द्वारा उत्पादित दुग्ध चूर्ण की आंगनबाड़ी केंद्रों पर आपूर्ति की जाएगी जिससे बच्चों को पौष्टिक उत्पाद उपलब्ध हो सकेगा और कॉम्फेड को भी एक निश्चित आपूर्ति के लिए बाजार मिलेगा।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि कॉम्फेड की छह नई परियोजनाओं का आज उद्घाट्न किया गया है। जिसमें समस्तीपुर एवं हाजीपुर में 30.30 मी0 टन के दो दुग्ध चूर्ण संयंत्र जो क्रमश: 42.52 करोड़ एवं 35 करोड़ रूपये की क्षमता के लगाए गए हैं। सुपौल में प्रतिदिन एक लाख लीटर क्षमता वाली एक डेयरी संयंत्र हैए जिसकी लागत 26ण्75 करोड़ रुपये है। बिहारशरीफ एवं पटना में दो आईसक्रीम संयंत्र लगाये गये हैं जिसकी क्षमता क्रमश: 20 हजार लीटर प्रतिदिन एवं लागत क्रमश: 13.40 करोड़ एवं 17 करोड़ रुपये है। पटना में 300 मी. टन प्रतिदिन क्षमता वाले पशु आहार कारखाना भी शामिल हैं जिसकी लागत 10 करोड़ रुपए है। नई ईकाइयों के शुभारंभ के उपरांत कॉम्फेड के दुग्ध प्रसंस्करण की क्षमता 32 लाख लीटर से बढ़कर 33 लाख लीटर प्रतिदिन हो जाएगी। आईसक्रीम संयंत्र की क्षमता 3 हजार लीटर से बढ़कर 43 हजार लीटर हो जाएगी। पाउडर संयंत्र की क्षमता 62 मी0 टन से बढ़कर 122 मी0 टन हो जाएगी और पशु आहार उत्पादन की क्षमता 310 मी0 टन से बढ़कर 460 मी0 टन हो जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे कॉम्फेड को और लाभ मिलेगा और इससे दुग्ध संग्रहण क्षमता बढ़ेगी। दुग्ध प्रोसेसिंग से उत्पन्न अन्य पदार्थों की क्षमता बढ़ेगी। आज सुधा की विश्वसनीयता काफी बढ़ गई है। इसकी प्रतिष्ठा एक ब्रांडनेम के रुप में स्थापित हो चुकी है। बिहार के अलावा बाहरी राज्यों में इसकी खपत बढ़ी हैए लोगों में इसकी मांग बढ़ी हुई है। इसकी विश्वसनीयता बनाए रखना है इसके लिए गुणवत्ता से किसी प्रकार का समझौता नहीं करना है। सहकारी संघ एवं समिति के लोग भी यहां उपस्थित हैंए आप सब इसका ख्याल रखिएगा। आप सभी का दायित्व बनता है कि जो प्रतिष्ठा प्राप्त हुई है उसके साथ किसी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं हो। दुग्ध संग्रहण से लेकर विपणन तक में भी कोई चूक नहीं हो। कॉम्फेड का जो नाम बरकरार है आप सभी इसकी गुणवत्ता के प्रति सजग रहिएगा।

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इस मौके पर मुख्यमंत्री का स्वागत गुडलक प्लान्ट एवं प्रतीक चिन्ह भेंट कर किया गया। मुख्यमंत्री ने 144.67 करोड़ की लागत के 6 संयंत्रों का उद्घाटन किया। सुधा के नए दुग्ध उत्पाद टेट्रा पैक में श्फ्लेवर्ड मिल्कश् का उद्घाटन मुख्यमंत्री ने किया। कॉम्फेड के वार्षिक प्रतिवेदन एवं कॉम्फेड के अंतर्गत महिला दुग्ध समितियों की स्थिति महिला सशक्तिकरण की एक मिसाल एवं गौ पालन सुखए समृद्धि एवं सम्मानष् पुस्तक का विमोचन भी किया गया। राज्य सरकार को कॉम्फेड की तरफ से 2.33 करोड़ रुपए के लाभांश का चेक सौंपा गया। दुग्ध संघों को लाभांश एवं मूल्यांतर के रुप में 8.93 करोड़ की राशि वितरित की गयी। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बिहार के बुरे दिनों में भी कम्फेड का परचम लहराता रहा है। प्रयास किया जाय तो अगले एक साल में कम्फेड हरियाणा को पीछे छोड़ कर 9वें स्थान से 8वें स्थान पर आ जायेगा। विगत 35 वर्षों में सुधा के उत्पाद ब्रांड के रूप में स्थापित हो चुके हैं। देशी नस्ल के पशुओं के विकास व संरक्षण की आवश्यकता है। महिलाओं की सहभागिता से इस आंदोलन को आने वाले दिनों में और गति मिलेगी। दुग्ध उत्पादन को बढ़ाने के लिए किसानों को अनाज के साथ हरा चारा के उत्पादन पर भी ध्यान देना होगा।

श्री मोदी ने कहा कि देशी नस्ल के पशुओं के संरक्षण.सम्बद्र्धन के लिए केन्द्र सरकार के सहयोग से डुमरांव में एक केन्द्र की स्थापना की जा रही है जिससे आने वाले दिनों में बिहार को काफी लाभ मिलेगा। विदेशी नस्ल के पशुओं को पालने में कोई हर्ज नहीं है मगर गर्मी के दिनों में उसकी देखभाल में परेशानी होती है। दुधारू पशुओं के लिए हरा चारा की जरूरत होती है। कम्फेड चारा बीज उपलब्ध करा रहा हैए इसलिए किसानों को चारा उत्पादन को बढ़ावा देने पर भी ध्यान देना चाहिए।

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कम्फेड की प्रगति की चर्चा करते हुए कहा कि पावडर बनाने के लिए 2005 में बिहार से रायबरेली दूध भेजा जाता था मगर अब कम्फेड की खुद की उत्पादन क्षमता 62 मे.टन से बढ़ कर 122 मे.टन आइसक्रीम की 3 हजार से बढ़ कर 43 हजार मे. टन चमचम मिठाई की 17 मे.टन से बढ़कर 417 मे.टन तथा टेट्रा पैक दूध की 24 लाख 45 हजार लीटर तथा पशु चारा कीे उत्पादन क्षमता 310 मे.टन टन से बढ़ कर 460 मे.टन हो गई है। तीसरे कृषि रोड मैप में अगले पांच साल में दूध संग्रहण के लक्ष्य को प्रति दिन 16 लाख लीटर से बढ़ा कर 26 लाख लीटर तथा दूध प्रसंस्करण को 33 लाख लीण् से बढ़ा कर 50 लाख लीटर करने का लक्ष्य तय किया गया है।

इस अवसर पर ऊर्जा निबंधन उत्पाद एवं मद्य निषेध मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव, पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री पशुपति कुमार पारस, सहकारिता मंत्री राणा रणधीर सिंह ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की प्रधान सचिव सह अध्यक्ष कॉम्फेड डॉ एन. विजया लक्ष्मी, कॉम्फेड की प्रबंध निदेशक श्रीमती शिखा श्रीवास्तव ने अपने संबोधन में कॉम्फेड की उपलब्धियों के बारे में विस्तार से चर्चा की। इस मौके पर मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव अतीश चंद्रा, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा, जिलाधिकारी कुमार रवि एवं अन्य वरीय पदाधिकारीगणए दुग्ध संघों के प्रतिनिधिगण, सदस्यगण एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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