वरिष्ठ कांग्रेसी नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री सरदार बूटा सिंह का शनिवार को निधन हो गया। वह 86 वर्ष के थे। इक्कीस मार्च 1934 को पंजाब में जालंधर जिले के मुस्तफापुर गांव में जन्मे बूटा सिंह राजनीति में आने से पहले पत्रकारिता से जुड़े थे। उन्होंने अकाली दल की ओर से पहला चुनाव जीता था और बाद में वह कांग्रेस में शामिल हो गये।
उन्होंने आठ बार लोकसभा चुनाव जीता था। उन्होंनें केंद्रीय मंत्री के रूप में गृह, कृषि , रेल और संचार तथा अन्य महत्वपूर्ण मंत्रालयों के साथ ही बिहार के राज्यपाल का दायित्व संभाला था। वह डॉ मनमोहन सिंह के कार्यकाल में 2007 से 2010 तक राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष भी रहे।
बूटा सिंह ने अपने लंबे राजनीतिक जीवन में केंद्र गृह मंत्री समेत कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाईं। इसके साथ ही वह बिहार के राज्यपाल और राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष भी रहे। पिछले साल मष्तिकाघात के बाद उन्हें अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती कराया गया था और वह गत वर्ष अक्टूबर महीने से कोमा में थे। उनके परिवार ने बताया कि बूटा सिंह का शनिवार सुबह करीब 5.30 बजे एम्स में निधन हो गया।
कांग्रेसी नेता के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताते हुए लिखा कि वो शोषितों और गरीबों के कल्याण के लिए एक अनुभवी नेता थे। पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा कि “बूटा सिंह एक अनुभवी नेता और कुशल प्रशासक थे। उन्होंने गरीबों और समाज में हाशिये पर चले गए लोगों के लिए आवाज उठाई।पीएम ने कहा कि वे उनके निधन से दुखी हैं और उनकी संवेदना बूटा सिंह के परिवार के साथ है।”
वहीं इस दौरान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बूटा सिंह के निधन पर अपनी संवेदना व्यक्त की है। राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि “सरदार बूटा सिंह के देहांत से देश ने एक सच्चा जनसेवक और निष्ठावान नेता खो दिया है। उन्होंने अपना पूरा जीवन देश की सेवा और जनता की भलाई के लिए समर्पित कर दिया, जिसके लिए उन्हें सदैव याद रखा जाएगा। इस मुश्किल समय में उनके परिवारजनों को मेरी संवेदनाएं।”