SC 10 % आरक्षण का मामला संविधान पीठ को भेजने पर 28 मार्च को करेगा सुनवाई - Punjab Kesari
Girl in a jacket

SC 10 % आरक्षण का मामला संविधान पीठ को भेजने पर 28 मार्च को करेगा सुनवाई

NULL

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि वह सामान्य श्रेणी के गरीबों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने के मामले को अभी संविधान पीठ के समक्ष भेजने का आदेश देने के पक्ष में नहीं है। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने कहा कि वह 28 मार्च को याचिका पर सुनवाई करेगी और संविधान पीठ को मुद्दा भेजने या नहीं भेजने पर विचार करेगी।

पीठ में न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना भी शामिल थे। पीठ ने याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुये वरिष्ठ वकील राजीव धवन को अपने आवेदन में उठाये गये बिन्दुओं को एक छोटे नोट में दायर करने को कहा है।

शिक्षक कैडर में आरक्षण संबंधी अध्यादेश को कैबिनेट की मंजूरी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ‘केंद्रीय शैक्षणिक संस्थान (शिक्षक कैडर में आरक्षण) अध्यादेश 2019 को मंजूरी दे दी। केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने इसकी जानकारी देते हुए संवाददाताओं से कहा कि कैबिनेट ने विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के लिए आरक्षण तंत्र संबंधी अध्यादेश को मंजूरी दे दी।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। इस अध्यादेश में विभाग या विषय की बजाए विश्वविद्यालय या कालेज को इकाई माना गया है। इस निर्णय से शिक्षक कैडर में सीधी भर्ती के तहत 5000 से अधिक रिक्तियों को भरते समय यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि इससे संविधान के अनुच्छेद 14, 16 और 21 का पूरी तरह से अनुपालन हो सके और जिससे अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए नियत आरक्षण प्रावधान का पालन हो सके। इस विषय पर छात्रों और शिक्षक संगठनों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था।

इन संगठनों की ओर से सरकार से आग्रह किया गया था कि शिक्षक पदों में आरक्षण इकाई के रूप में कालेजों एवं विश्वविद्यालयों में 200 प्वाइंट की रोस्टर प्रणाली को बहाल करने के लिये अध्यादेश लाया जाए। मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने मंगलवार को अश्वासन दिया था कि केंद्र सरकार शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण रोस्टर बहाल करने को प्रतिबद्ध है और इस संबंध में किसी विरोध प्रदर्शन की जरूरत नहीं है।

विश्वविद्यालय आरक्षण रोस्टर को लेकर यह विवाद उस समय शुरू हुआ था, जब इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अपने एक फैसले में आरक्षण रोस्टर का निर्धारण विवि को यूनिट मानकर तय करने की बजाय विभाग को यूनिट मानकर तय करने का निर्देश दिया था। इसके बाद यूजीसी ने सभी विवि को आदेश जारी कर विभागवार आरक्षण रोस्टर तैयार करने का निर्देश दिया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *


Girl in a jacket
पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।