सुप्रीम कोर्ट ने खाड़ी के देशों में फंसे भारतीय श्रमिकों को वापस लाने के लिए दायर जनहित याचिका पर मंगलवार को केंद्र, सीबीआई और 12 राज्यों को नोटिस जारी किए। इन श्रमिकों के पासपोर्ट खो गए हैं, याचिका में श्रमिकों के कल्याण के लिये बनायी गई नीतियों को लागू करने का अनुरोध किया गया है।
न्यायमूर्ति एन वी रमण, न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति अनिरूद्ध बोस की पीठ ने वीडियो कांफ्रेंस के जरिये जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए गृह मंत्रालय, सीबीआई, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडीशा, उत्तर प्रदेश, बिहार और अन्य राज्यों को नोटिस जारी किए।
कोर्ट गल्फ तेलंगाना वेलफेयर एंड कल्चरल एसोसिएशन के अध्यक्ष बसंत रेड्डी पटकुरी की याचिका पर सुनवाई कर रहा था। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता श्रवण कुमार ने कहा कि अधिकतर मामलों में भारतीय दूतावास सहयोगात्मक रवैया नहीं अपना रहे हैं और न ही दूसरे देशों की तरह अपने श्रमिकों को वापस भेजने के लिए प्रभावी उपाय कर रहे हैं।
इस याचिका में नौकरी के लिए दूसरे देश जाने वाले लोगों को एजेंट तथा नियोक्ताओं द्वारा ठगा जा रहा है। याचिका में भारतीय नागरिकों की मदद के लिए दिशा निर्देश तैयार करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है। याचिका में खाड़ी के देशों से भारतीय नागरिकों के शव वापस लाने और इन देशों में अपने पासपोर्ट खो देने की वजह से जबरन काम के लिए मजबूर किए जा रहे भारतीय श्रमिकों को वापस लाने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है।
याचिका में खाड़ी देशों में मौत की सजा का सामना कर रहे 44 भारतीय नागरिकों के साथ ही वहां की जेलों में बंद 8,189 श्रमिकों की कानूनी मदद करने का भी अनुरोध किया गया है।