सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को केंद्र को आदेश दिया कि वह देश में ओला और उबर जैसी ऐप आधारित टैक्सी सेवाओं के नियमन के लिए उचित कदम उठाए। न्यायमूर्ति एस ए बोबडे की अगुवाई वाली पीठ ने महिलाओं की सुरक्षा संबंधी एक मामले की सुनवाई के दौरान यह आदेश दिया।
इस पीठ में न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति बी आर गवई भी शामिल हैं। पीठ ने याचिकाकर्ता से कहा कि वह महिला सुरक्षा के मुद्दे पर केन्द्र को अभ्यावेदन दे। केंद्र की ओर से पेश वकील ने जब कहा कि इसके लिए कानून में संशोधन की आवश्यकता होगी, कोर्ट ने कहा, ‘‘आपको यह करना होगा।’’
दरअसल, कई महिलाएं प्राइवेट टैक्सी के ड्राइवर के खिलाफ दुर्व्यवहार के मामले का केस दर्ज करवा चुकी हैं। कई महिलाओं ने अपने साथ इस दुर्व्यवहार के बारे में सोशल मीडिया पर भी जानकारी साझा की है।