सुप्रीम कोर्ट ने गांवों के गरीब परिवारों को न्याय सुनिश्चित करने के लिए ग्राम अदालतों की स्थापना संबंधी याचिका पर सोमवार को केंद्र सरकार और राज्य सरकारों को नोटिस जारी किए। न्यायमूर्ति एन. वी. रमन की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय खंडपीठ ने गैर सरकारी संगठन नेशनल फेडरेशन ऑफ सोसाइटीज फॉर फास्ट जस्टिस की याचिका की सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार एवं राज्य सरकारों को नोटिस जारी करके जवाब मांगा है।
याचिकाकर्ता की ओर से पेश अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने दलील दी कि विधि आयोग ने 1986 में अपनी 114वीं रिपोर्ट में समाज के वंचित समुदायों को न्याय दिलाने के लिए ग्राम न्यायालयों की स्थापना की सिफारिश की थी।
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याचिका में कहा गया है कि 2008 में संबंधित कानून बनाए जाने के बावजूद 11 राज्यों ने 2009-10 से 2017-18 तक केवल 320 ग्राम न्यायालय अधिसूचित किए गए। इनमें 204 ही ऑपरेशनल हैं।