SC ने लौह अयस्क की ई-नीलामी के खिलाफ खनिज उद्योग महासंघ, वेदांता की याचिका खारिज की - Punjab Kesari
Girl in a jacket

SC ने लौह अयस्क की ई-नीलामी के खिलाफ खनिज उद्योग महासंघ, वेदांता की याचिका खारिज की

NULL

नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने भारतीय खनिज उद्योग महासंघ (फिमी) और वेदांता की कर्नाटक में लौह अयस्क की ई-नीलामी निरस्त करने की याचिका आज खारिज कर दी। न्यायमूर्ति रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा की पीठ ने कहा कि वह इस सुझाव को स्वीकार नहीं करते हैं।

पीठ ने कहा, “हम ई-नीलामी के लिये वैकल्पिक उपाय करने के वेदांता के सुझाव को खारिज करते हैं, हम फिमी की याचिका को भी खारिज करते हैं।” फिमी ने अपने सुझाव में कहा है ई-नीलामी किये जाने के बजाय नई प्रणाली अपनाई जानी चाहिये तथा उत्पादक और खरीदार के बीच दीर्घकालिक समझौता होना चाहिये। केन्द्रीय अधिकार प्राप्त समिति (सीईसी) ने इस बारे में 28 अप्रैल 2016 को अपनी रिपोर्ट में सुझाव दिया था।

हालांकि, इससे पहले समाज परिवर्तन समुदाय नामक गैर-सरकारी संगठन ने याचिका का विरोध किया था। संगठन का कहना है कि ई-नीलामी का मकसद राज्य सरकार को बेहतर मूल्य और रॉयल्टी उपलब्ध कराना है। शीर्ष अदालत ने 18 अप्रैल 2013 को 3 करोड़ टन सालाना सीमा तय करते हुये बलारी, तुमाकुरू और चित्रदुर्ग जिलों में खनन की मंजूरी दे दी थी।

न्यायालय ने कहा कि खनन केवल ई-नीलामी के जरिये ही होना चाहिये और यह काम केन्द्रीय अधिकार संपन्न समित की निगरानी में होना चाहिये। इसके साथ ही न्यायालय ने खनन से पर्यावरण को होने वाले नुकसान से बचने के लिये भी कई उपायों का आदेश दिया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

nine + eighteen =

Girl in a jacket
पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।