छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने सोमवार को बीजापुर जिले में हुए नक्सली हमले की निंदा की, जहां एक इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) विस्फोट में आठ जिला रिजर्व गार्ड (DRG) जवानों और एक ड्राइवर सहित नौ लोगों की जान चली गई। साव ने इस हमले को नक्सलियों की हताशा और निराशा से प्रेरित कायरतापूर्ण कार्रवाई बताया और आश्वासन दिया कि जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा।
साव ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि “नक्सलियों द्वारा बीजापुर से कायराना हमले की सूचना मिली है। मैं जवानों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं। यह कायराना हरकत है। जवान नक्सलियों को खत्म करने की दिशा में काम कर रहे हैं, लेकिन उन्होंने हताशा और निराशा में ऐसा किया है। जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा।”
छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में नक्सलियों द्वारा लगाए गए आईईडी से वाहन को उड़ा दिए जाने के बाद दंतेवाड़ा जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) के आठ जवानों और एक ड्राइवर सहित नौ लोगों की जान चली गई। बस्तर के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) सुंदरराज पी के अनुसार, जब विस्फोट हुआ, तब जवान दंतेवाड़ा, नारायणपुर और बीजापुर पुलिस के संयुक्त अभियान से लौट रहे थे।
आईजी सुंदरराज ने बताया कि “पिछले तीन दिनों से नारायणपुर, दंतेवाड़ा और बीजापुर इलाकों में नक्सल विरोधी अभियान चल रहा है। इस अभियान के दौरान हमने पांच नक्सलियों के शव बरामद किए थे और एक जवान शहीद हो गया था। जब टीम वापस लौट रही थी, तो बीजापुर के अंबेली इलाके में नक्सलियों ने आईईडी ब्लास्ट किया।”
इस हमले में दंतेवाड़ा के आठ डीआरजी जवान और एक ड्राइवर शहीद हो गए। घटना के बाद छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने भी मृतक जवानों के परिजनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की। सिंह ने कहा कि “जब भी इनके खिलाफ बड़े ऑपरेशन होते हैं, तो ये नक्सली कायराना हमले पर उतर आते हैं। मैं इस हमले में शहीद हुए जवानों के परिजनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं, छत्तीसगढ़ सरकार और केंद्र सरकार जो बड़ा कदम उठा रही है, वह इस कदम को और आगे ले जाएगा।”