S Jaishankar On CAA: विदेश मंत्री Jaishankar ने CAA को बताया सही, आलोचना करने वालों के लिए ये कहा
Girl in a jacket

CAA को विदेश मंत्री Jaishankar ने बताया सही, आलोचना करने वालों के लिए ये कहा

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) को सही ठहराते हुए कहा कि जो लोग इसकी आलोचना कर रहे हैं, उन्हें भारतीय इतिहास की समझ नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार का उन लोगों के प्रति दायित्व है, जिन्हें विभाजन के समय निराश किया गया था।

  • विदेश मंत्री Jaishankar ने CAA को बताया सही
  • आलोचना करने वालों को भारतीय इतिहास की समझ नहीं- Jaishankar

भारत का विभाजन कभी हुआ ही नहीं- विदेश मंत्री

आपको बता दें दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में शनिवार को विदेश मंत्री ने कहा, मैं उनके लोकतंत्र या उनके सिद्धांतों की खामियों पर सवाल नहीं उठा रहा हूं। मैं ऐसे लोगों को हमारे (भारत) इतिहास की उनकी समझ पर सवाल उठा रहा हूं। यदि आप दुनिया के कई हिस्सों से लगातार आ रही टिप्पणियों को सुनते हैं, तो ऐसा लगता है जैसे भारत का विभाजन कभी हुआ ही नहीं।

5 20

दुनिया के कई कानून एस जयशंकर ने गिनाए

बता दें विदेश मंत्री ने दृढ़ता से सीएए के कार्यान्वयन का बचाव किया और आलोचकों को अपनी नीतियों का पुनर्मूल्यांकन करने को कहा। जयशंकर ने कहा, दुनिया में ऐसे कई देश हैं जिन्होंने नागरिक संबंधी कानून बनाए हैं। उन्होंने कहा, मैं आपको कुछ उदाहरण से समझाना चाहूंगा। क्या आपने जैक्सन-वनिक संशोधन के बारे में सुना है, जो सोवियत संघ के यहूदियों के बारे में है, जिसके तहत अमेरिका में यहूदी को प्रवेश की अनुमति दी गई।

6 9

दुनिया में इस तरह के कानून के बहुत सारे उदाहरण- विदेश मंत्री

विदेश मंत्री ने कहा कि अगर आप यूरोप को देखेंगे तो कई यूरोपीय देश उन लोगों की नागरिकता देने के लिए फास्ट ट्रैक अपनाते हैं, जो विश्व युद्ध में क कहीं छूट गए थे। कुछ केस में तो विश्व युद्ध से पहले का भी उदाहरण है। दुनिया में इस तरह के कानून के बहुत सारे उदाहरण हैं।

देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel ‘PUNJAB KESARI’ को अभी subscribe करें। आप हमें FACEBOOK, INSTAGRAM और TWITTER पर भी फॉलो कर सकते हैं। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

18 − 5 =

Girl in a jacket
पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।