आरएसएस-भाजपा का फासीवादी दृष्टिकोण है कि दलितों को समाज के निम्नतम स्थान पर होना चाहिए - Punjab Kesari
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आरएसएस-भाजपा का फासीवादी दृष्टिकोण है कि दलितों को समाज के निम्नतम स्थान पर होना चाहिए

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कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पुणे में हुई हिंसा को लेकर आज भाजपा और आरएसएस पर प्रहार करते हुए आरोप लगाया कि भारत के लिए उनका फासीवादी दृष्टिकोण है कि दलितों को समाज के निचले पायदान पर रहना चाहिए। उन्होंने उना और हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय में दलितों के खिलाफ हिंसा की घटनाओं के अलावा महाराष्ट्र के पुणे जिले में भीमा-कोरेगांव गांव में हुई हिंसा को आरएसएस-भाजपा के फासीवादी दृष्टिकोण के विरोध का प्रतीक बताया। राहुल ने ट्वीट किया, भारत के लिए आरएसएस-भाजपा के फासीवादी दृष्टिकोण का मुख्य स्तम्भ यह है कि दलितों को भारतीय समाज के निम्नतम बिंदु पर रहना चाहिए। उना, रोहित वेमूला और अब भीमा-कोरेगांव विरोध के प्रतीक हैं।

भीमा-कोरेगांव युद्ध की 200वीं बरसी पर कल आयोजित एक समारोह को लेकर हुए विवाद के बाद भड़की हिंसा में एक युवक की हत्या कर दी गई और कई अन्य गंभीर रूप से जख्मी हो गए। दलित नेता 200 वर्ष पूर्व भीमा-कोरेगांव में पेशवा की सेना पर अंग्रेजों की जीत का जश्न मना रहे थे क्योंकि माना जाता है कि महार समुदाय के सैनिक ईस्ट इंडिया कंपनी के सुरक्षा बल का हिस्सा थे। महार को तब अछूत समुदाय माना जाता था। पुणे के कुछ दक्षिण पंथी समूहों ने अंग्रेजों की जीत का जश्न मनाने का विरोध किया जिससे बहस शुरू हुई और कल हिंसा भड़क उठी।

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