भोपाल : मुख्य सचिव बीपी सिंह ने कहा कि प्रदेश में राजस्व अभियान के अच्छे परिणाम आये हैं। पिछले तीन माह में 10 लाख से अधिक अविवादित नामांतरण प्रकरण निराकृत किये गये जो एक बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि प्रदेश स्तर पर राजस्व के कार्य पिछड़ने के कारण ही वृहद स्तर पर राजस्व अभियान चलाया गया। उन्होंने कहा कि समीक्षा बैठकें आगे भी चलती रहेंगी। उन्होंने बताया कि प्रत्येक मीटिंग में कुछ न कुछ नई जानकारी प्राप्त होती है। पिछली बार होशंगाबाद संभाग की बैठक में धारा 190 के तहत हुए नामांतरणों की जानकारी प्राप्त हुई।
मुख्य सचिव ने चेतावनी देते हुए कहा कि ऐसे कोई भी नामांतरण नहीं किये जायें, जिससे राज्य सरकार को पंजीयन शुल्क की हानि हो। बैठक में प्रमुख सचिव अरूण पाण्डेय, संभागायुक्त एमबी ओझा, तथा उज्जैन संभाग के सभी जिला कलेक्टर और राजस्व अधिकारी मौजूद थे। बैठक में संभागायुक्त ओझा ने बताया कि पांच साल से लम्बित एक भी प्रकरण संभाग में शेष नहीं है।
एक अक्टूबर से लेकर अब तक संभाग में आरसीएमएस सॉफ्टवेयर में दर्ज 58,571 प्रकरण में से 50 हजार प्रकरण निराकृत हो चुके हैं। नीमच जिला राजस्व प्रकरणों के निराकरण में सबसे आगे है। संभागायुक्त ने संभाग के जिलों की सभी तहसीलों में सीमांकन के लिये दो-दो टीसीएम मशीनों की जरूरत बताई। बैठक में प्रमुख सचिव राजस्व अरूण पाण्डेय ने आरसीएमएस साफ्टवेयर को क्रान्तिकारी बताते हुए कहा कि राजस्व न्यायालयों की कार्यप्रणाली में आमूलचूल परिवर्तन ला देगा।
बैठक में आयुक्त भू-अभिलेख एम सेलवेन्द्रम ने साफ्टवेयर में किये जा रहे सुधारों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इस सिस्टम में डायवर्शन एवं सम्पदा एप जोड़ा जा रहा है। अविवादित नामांतरण को स्वत: दर्ज करने हेतु भी एप्लीकेशन जोड़ा जा रहा है। इससे रजिस्ट्री होने के साथ ही नामांतरण दर्ज हो जायेगा और हितग्राही को एसएमएस से सूचना मिल जायेगी कि उसके प्रकरण की तारीख क्या लगी है।
राजस्व न्यायालयों की निचली कोर्ट की मॉनीटरिंग ऑनलाइन होगी तथा ऑर्डर शीट टाईप कर इसकी प्रोसिडिंग को स्केन कर अपलोड किया जायेगा। बैठक में प्रमुख सचिव हरिरंजन राव ने बताया कि राज्य सरकार 26 जनवरी से भू-अधिकार पट्टा वितरित करने जा रही है। उन्होंने पूर्व में दिये गये पट्टे एवं नये दिये जाने वाले पट्टों को सूचीबद्ध करने के निर्देश दिये।
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