रायपुर : छत्तीसगढ़ में चुनावी कवायदें तेज होते ही राजनीतिक दलों में अंदरूनी सरगर्मियां बढ़ गई है। वहीं फील्ड में भी इसका असर नजर आने लगा है। सत्ताधारी दल भाजपा की तैयारियों की टोह लेने केन्द्रीय मंत्री लगातार छत्तीसगढ़ पहुंच रहे हैं।
संगठन से जुड़े सूत्र दावा करते हैं कि चुनाव तक भाजपा संगठन के राष्ट्रीय नेताओं के अलावा केन्द्रीय मंत्रियों के भी राज्य में दौरे होंगे। वहीं संबंधित विभागों को लेकर बड़ी घोषणाएं होगी। दौरे के बाद सत्ता और संगठन के नेता भी इस मामले में अपनी रिपोर्ट भी केन्द्रीय नेतृत्व को देंगे।
दूसरी तरफ कांग्रेस में भी इसी तरह की स्थिति नजर आ रही है। फिलहाल राज्य के प्रभारियों ने ही पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ मिलकर चुनावी मिशन को आगे बढ़ाया है। इसके बावजूद जल्द ही दिल्ली से राष्ट्रीय नेताओं के प्रवास का सिलसिला शुरू होगा। पीसीसी के संकेतों की मानें तो हाईप्रोफाईल माने जाने वाले राष्ट्रीय नेताओं के अलावा विभिन्न राज्यों के नेताओं की भी सूची तैयार हो रही है।
इधर सत्ताधारी दल भाजपा ने एंटी इंकमबेंसी फैक्टर को ध्वस्त करने पूरी तैयारी की हुई है। राज्य सरकार के मुख्य बजट में लोक लुभावन घोषणाओं के अलावा केन्द्रीय मंत्री भी छत्तीसगढ़ में विभिन्न जिलों में जाकर घोषणाएं करेंगे। वहीं इन्हें तत्काल मंजूरी दिलाकर अमलीजामा पहनाने की की भी कोशिशें होगी। भाजपा संगठन ने शुरूआती रिपोर्ट के बाद जरूर चुनावी रणनीतियों में बदलाव किया है।
हालातों के मद्देनजर और क्षेत्रीय स्थिति के मुताबिक ही काम करने के निर्देश दिए गए हैं। यही वजह है कि अब एक-एक विधानसभा क्षेत्र के बूथों की रिपोर्ट ली जा रही है। मिशन 65 के लक्ष्य के चलते इस बार नेताओं और कार्यकर्ताओं को किसी भी स्थिति में मैदान नहीं छोडऩे के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही संबंधित क्षेत्रों में स्थानीय लोगों से संपर्क कर उन्हें पार्टी से जोड़ने के लिए भी निर्देशित किया गया है।
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