भारत के असली नागरिकों को एनआरसी में नाम शामिल करवाने का मौका मिलेगा - Punjab Kesari
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भारत के असली नागरिकों को एनआरसी में नाम शामिल करवाने का मौका मिलेगा

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ऐसे में जब असम एनआरसी के मसौदे के प्रकाशन के लिए पूरी तरह तैयार है, मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने आज लोगों की आशंकाओं को दूर करने की मंशा से कहा कि नागरिकता रजिस्टर में जिनका नाम नहीं है उन वास्तविक भारतीयों को अपने नाम उसमें शामिल करवाने के पर्याप्त अवसर मिलेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि 31 दिसंबर को राज्य के नागरिकों के नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन्स (एनआरसी) के पहले मसौदे के प्रकाशन के मद्देनजर बड़े पैमाने पर तैयारियां की जा रही हैं ताकि शांति सुनिश्चित किया जा सके।

किसी को भी कानून को अपने हाथों में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी। सोनोवाल ने यहां कहा, किसी को भी कोई भी आशंका नहीं रहनी चाहिए। एनआरसी के मसौदे के इस हिस्से में अगर किसी वास्तविक भारतीय नागरिक का नाम शामिल नहीं है तो उन्हें अपना नाम शामिल करवाने के पर्याप्त अवसर दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि सरकार किसी भी तरह की हिंसा को बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्होंने कहा, केंद्रीय बल आ चुके हैं और उन्हें राज्य भर में तैनात किया जा रहा है।

कोई अप्रिय घटना नहीं होने दी जाएगी। वर्ष 2005 में उच्चतम न्यायालय के निर्देश के बाद राज्य में एनआरसी को अद्यतन करने के बड़े पैमाने पर प्रयास किए जा रहे थे। यह प्रयास बहुत बाद में जाकर, वर्ष 2015 में कांग्रेस के शासन तले प्रारंभ हुए लेकिन, इसे गति तब मिली जब भाजपा बांग्लादेश से अवैध आव्रजन को चुनावी मुद्दा बनाकर सत्ता में आई।

शीर्ष अदालत ने आदेश दिया था कि एनआरसी का पहला मसौदा 31 दिसंबर तक प्रकाशित किया जाए। इससे पहले करीब दो करोड़ दावों की पड़ताल की जाए, जिनमें 38 लाख लोग ऐसे हैं जिनके दस्तावेजों पर संदेह है। सोनोवाल ने कहा कि 40,000 सरकारी अधिकारी करीब 6,500 एनआरसी केंद्रों में बड़ पैमाने पर इस अभियान को पूरा करने में लगे हैं। इसमें जिलों के उपायुक्त, उपसंभागायुक्त स्तर के अधिकारी और क्षेत्राधिकारी भी शामिल हैं।

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