जल प्रदूषण को लेकर रमन की अफसरों को दो टूक - Punjab Kesari
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जल प्रदूषण को लेकर रमन की अफसरों को दो टूक

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रायपुर : हसदेव नदी में बढ़ता प्रदूषण सरकार के लिए बड़ी चिंता का विषय है, लेकिन चौकाने वाली बात ये है कि छत्तीसगढ़ की इस महत्वपूर्ण नदी को बचाने के लिए अफसरों के पास कोई ठोस कार्ययोजना नहीं है। लोक सुराज के दौरान जांजगीर पहुंचे मुख्यमंत्री रमन सिंह ने जब अफसरों से हसदेव को प्रदूषण मुक्त करने की कार्ययोजना के बारे में पूछा, तो अफसर बगले झांकने लगे।

रमन ने कलेक्टर को तलब करते हुए साफ कहा कि कोई भी नदी हो, वह बेहतर हो-संरक्षित हो, सरकार की यही प्रयास रहेगा। सीएम ने कलेक्टर से कहा कि हसदेव नदी में गन्दा पानी के निस्तारण के लिए विशेष तरह से काम हो। हसदेव नदी की सफाई को लेकर 2 करोड़ के स्वीकृति प्रस्ताव की बात पर सीएम ने कहा कि 2 करोड़ खर्च कर नदी के आसपास की गंदगी की सफाई होगी, लेकिन नदी में फिर गन्दगी हो जाएगी।

ऐसे में सार्थक तरीके से गंदा पानी और नदी में हो रहे प्रदूषण से निपटने स्थायी तरीक़े से कारगर प्लानिंग होनी चाहिए। सीएम ने कलेक्टर से कहा कि हसदेव नदी के गंदा पानी के ट्रीटमेंट के तहत स्थायी तरीके से, प्रदूषण और गन्दगी को दूर करने पूरी प्लानिंग होनी चाहिए।

दरअसल, चाम्पा से होकर हसदेव नदी गुजरी है. कोरिया जिले से उद्गम होकर कोरबा जिले से होते हुए हसदेव नदी, महानदी में समाहित होती है, लेकिन आज हसदेव नदी, प्रदूषण के कारण अपनी अस्तित्व को बचाने जूझ रही है. हसदेव नदी का पानी पूरी तरह से प्रदूषित हो चुका है, जिसके बाद यह सैकड़ों गांवों के हजारों लोगों की मुसीबत बढ़ गई है, क्योंकि हसदेव नदी पर सीधे तौर पर लोग आश्रित हैं।

तीनों जिलों की औद्योगिक इकाई के गंदे पानी हसदेव नदी में प्रवाहित करने की शिकायत आम है, जिसके कारण हसदेव नदी तबाही की कगार पर आ गई है। हसदेव नदी को लेकर जमकर राजनीति भी हो रही है, लेकिन हसदेव नदी के संवर्धन के लिए माकूल प्रयास अब तक नहीं हो सका है, जिसके कारण हसदेव नदी के तट पर बसे गांवों के हजारों लोगों की चिंता भी बढ़ी हुई है।

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