रायपुर: छत्तीसगढ़ में आज से धान खरीदी शुरू हो गई है । राजनांदगांव दौरे पर आए मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह अचानक अंजोरा के धान खरीदी केंद्र पहुंचे। उन्होंने ना केवल धान की गुणवत्ता परखी, बल्कि खुद ही तराजू-बांट देखकर धान के तौल का जायजा भी लिया। इस दौरान खरीदी केंद्र में पहुंचे किसानों से डॉ.रमन सिंह ने खुलकर बातचीत भी की। किसानों को उपज का वाजिब मूल्य दिलाने के लिए छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य नीति के तहत धान और मक्का सरकार खरीदती है। हर साल एक बड़ा अभियान चलाकर किसानों से समर्थन मूल्य पर खरीदी की जाती है।
डॉ. रमन सिंह ने कहा कि किसानों से धान खरीदी राज्य शासन द्वारा पूर्व घोषित नीति के अनुसार की जाएगी। जिस दिन किसान धान बेचेंगे, उनकी राशि उसी दिन तत्काल उनके बैंक खातों में ऑनलाइन जमा कर दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा समर्थन मूल्य नीति के तहत धान की नकद और लिंकिंग में खरीदी 31 जनवरी 2018 तक चलेगी। मक्के की खरीदी 31 मई 2018 तक होगी। मुख्यमंत्री ने किसानों से इस अभियान का लाभ उठाने और अपनी उपज का वाजिब मूल्य प्राप्त करने के लिए धान और मक्का निकटवर्ती खरीदी केन्द्रों (उपार्जन केन्द्रों) में बेचने की अपील की है।
उन्होंने किसानों के नाम अपने संदेश में कहा है किसान भाई-बहनों को धान बेचने के लिए अपने गांव से ज्यादा दूर न जाना पड़े इसके लिए राज्य सरकार ने औसतन प्रत्येक साढ़े पांच ग्राम पंचायतों के बीच एक धान खरीदी केन्द्र की स्थापना की है। जिला कलेक्टरों और अन्य संबंधित अधिकारियों को उपार्जन केन्द्रों में किसानों की सुविधाओं का पूरा ध्यान रखने के निर्देश दिए गए हैं। खरीदी और भुगतान की पारदर्शी व्यवस्था की गई है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में चालू खरीफ विपणन वर्ष 2017-18 में किसानों से धान खरीदने की अधिकतम सीमा प्रति एकड़ 15 क्विंटल लिंकिंग समेत निर्धारित की गई है।
खाद्य नागरिक आपूति और उपभोक्ता संरक्षण विभाग द्वारा मंत्रालय से प्रदेश के सभी जिला कलेक्टरों और अन्य संबंधित अधिकारियों को परिपत्र जारी कर खरीदी कार्य के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए जा चुके हैं। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक राज्य में इस साल तीन नये उपार्जन केन्द्र बनाए गए हैं. इन्हें मिलाकर राज्य की एक हजार 333 प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के उपार्जन केन्द्रों (खरीदी केन्द्रों) की संख्या 1992 हो गई है।
इस वर्ष लगभग 70 लाख मीट्रिक टन धान और 10 हजार मीट्रिक टन मक्का खरीदने का अनुमानित लक्ष्य तय किया गया है। केन्द्र सरकार के निर्धारित गुणवत्ता मानकों के अनुसार धान और मक्के का उपार्जन किसानों की ऋण पुस्तिका के आधार पर किया जाएगा। अधिया अथवा रेगहा पद्धति से खेती करने वाले किसानों को भी संबंधित जमीन की ऋण पुस्तिका लानी होगी। प्रदेश के सभी 27 जिलों में समितियों के माध्यम से धान खरीदी छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ (मार्कफेड) द्वारा और मक्के की खरीदी छत्तीसगढ़ राज्य नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा की जाएगी।
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने राज्य में आज से शुरू धान और मक्का खरीदी के विशेष अभियान की सफलता के लिए अपनी शुभकामनाएं दी हैं। डॉ. सिंह ने कहा है कि सहकारी समितियों के सहयोग से किसानों के हित में चलने वाला यह छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा और लम्बा प्रदेश व्यापी अभियान है। धान बेचने के लिए सहकारी समितियों में पंद्रह लाख 79 हजार किसानों ने अपना पंजीयन करवाया है. यह संख्या पिछले साल की तुलना में एक लाख 27 हजार ज्यादा हैं।