पूर्व राष्ट्रपति Ram Nath Kovind ने नागरिकों की शारीरिक गतिविधियां घटने के खतरों को लेकर चेताया
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पूर्व राष्ट्रपति Ram Nath Kovind ने नागरिकों की शारीरिक गतिविधियां घटने के खतरों को लेकर चेताया

Ram Nath Kovind

Ram Nath Kovind: भारतीय नागरिकों की शारीरिक गतिविधियां घटने के खतरों के प्रति आगाह करते हुए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सोमवार को देशवासियों से अपील की कि वे तंदुरुस्ती के लिए योग और प्राणायाम को अपनायें तथा इन पद्धतियों का पूरा फायदा उठाएं।

Highlights

  • Ram Nath Kovind ने लोगों को चेताया
  • शारीरिक गतिविधियां घटने से बढ़ रहें खतरे
  • शारीरिक तंदुरुस्ती में तीव्र गिरावट

कोविंद ने शारीरिक गतिविधियां घटने से बढ़ रहें खतरों पर बार चेताया

श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय के सातवें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुये कोविंद ने मेडिकल जर्नल ‘‘लैंसेट’’ की एक रिपोर्ट का हवाला दिया और कहा कि पिछले दो दशकों में भारतीय नागरिकों की शारीरिक तंदुरुस्ती में तीव्र गिरावट आई है। उन्होंने कहा कि फिलहाल देश की लगभग आधी जनसंख्या अपनी दिनचर्या में पर्याप्त शारीरिक गतिविधियां शामिल नहीं कर रही है और अनुमान है कि अगले 20 सालों में ऐसे लोगों की तादाद दोगुनी से भी अधिक हो जाएगी।

Every Indian salutes farmers; Armed Forces 'adequately mobilised': President  Kovind in address to nation | India News - The Indian Express

‘देश के भविष्य के लिए बहुत गंभीर मुद्दा’

पूर्व राष्ट्रपति ने कहा,‘‘मुझे लगता है कि यह देश के भविष्य के लिए बहुत गंभीर मुद्दा है क्योंकि किसी भी तरह का दीर्घकालिक लक्ष्य हासिल करने में शारीरिक और मानसिक तंदुरुस्ती की बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका होती है।’’ उन्होंने दीक्षांत समारोह के मंच पर मौजूद स्थानीय लोकसभा सांसद शंकर लालवानी से कहा कि मुमकिन हो, तो वह देश के नागरिकों की तंदुरुस्ती के मुद्दे पर सदन में चर्चा का आग्रह करें।

योग मुद्राओं का उठाएं फायदा

कमल मुद्रा का अभ्यास कैसे करें?

कोविंद ने कहा, ‘‘हमारा देश योग और प्राणायाम की जन्मस्थली है। आज दुनिया भर के लोग महर्षि पतंजलि द्वारा मानवता को दिए योग के उपहार का फायदा उठा रहे हैं। ऐसे में हम अपनी सांस्कृतिक विरासत का पूरा लाभ उठाने में क्यों पीछे हैं। उन्होंने एक वाकया याद करते हुए बताया कि जब वह राष्ट्रपति के रूप में क्यूबा के सरकारी दौरे पर गए थे, तब वहां के राष्ट्रपति ने उनके सामने योग मुद्राओं का प्रदर्शन करके उन्हें चौंका दिया था। कोविंद ने कहा,‘‘इस वाकये से पहले मेरे मन में यह बात थी कि साम्यवादी देशों में योग और प्राणायाम की अवधारणा बहुत पीछे हो जाती है।

चरित्र में सुंदरता से ही समाज में सद्भाव होता है- कोविंद

पूर्व राष्ट्रपति ने विद्यार्थियों को नैतिकता, सत्यनिष्ठा और चारित्रिक सुंदरता जैसे गुणों को अपनाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा, ‘‘जब चरित्र में सुंदरता होती है, तो समाज में सद्भाव होता है। जब समाज में सद्भाव होता है, तो देश में व्यवस्था और समृद्धि होती है और जब देश में व्यवस्था और समृद्धि होती है, तो दुनिया में चारों ओर खुशहाली और शांति होती है जिसकी आज बहुत जरूरत है। पूरा विश्व महायुद्ध की कगार पर खड़ा है।’’

युवाओं को भारतीय संस्कृति के साथ जुड़ने का किया आह्वान

कोविंद ने युवाओं से आह्वान किया कि वे आधुनिकता को अपनाने के साथ ही भारतीय संस्कृति के साथ मजबूती से जुड़े रहें और तेजी से बदलती दुनिया में अपने ज्ञान एवं कौशल को अद्यतन बनाए रखें। उन्होंने कहा, हम भाग्यशाली हैं कि हम ऐसे समय में जी रहे हैं, जब हमारा देश दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में अपना स्थान बना चुका है। हम एक विकसित देश बनने की दिशा में लगातार आगे बढ़ रहे हैं।

मेधावी विद्यार्थियों को मिला स्वर्ण पदक

श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह के दौरान 1,424 विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की गई। इनमें पीएचडी के 227 शोधार्थी शामिल हैं। इनके अलावा, 15 मेधावी विद्यार्थियों को अलग-अलग पाठ्यक्रमों की परीक्षा में शीर्ष स्थान हासिल करने के लिए स्वर्ण पदक से नवाजा गया।

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