गुजरात के सूरत शहर में झारखंड की हालिया कथित मॉब लिंचिंग (भीड़ के पीट पीट कर माने की घटना) के विरोध में आज प्रशासनिक मंजूरी के बिना रैली निकाल रही मुस्लिम समुदाय की भीड़ ने ऐसा करने से रोकने पर पथराव कर दो बसों और पुलिस की दो गाड़ियों को क्षतिग्रस्त तथा चार वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को घायल कर दिया।
पुलिस ने शहर के चौक बाजार के निकट हुई इस घटना मे भीड़ को नियंत्रित करने के लिए हवा में दो चक्र फायरिंग की और आठ आंसू गैस के गोले दागे। रैली की मंजूरी मांगने वाले समेत छह लोगों को हिरासत में ले लिया गया है।
सूरत के पुलिस आयुक्त सतीश शर्मा ने यूएनआई को बताया कि इसी मुद्दे पर दो दिन पहले शहर के एक अन्य मुस्लिम संगठन ने प्रशासन को ज्ञापन सौंपा था।
बाद में एक अन्य संगठन ने चौक बाजार से कलेक्टरेट तक जुमा यानी शुक्रवार को रैली निकालने की मंजूरी मांगी थी पर आज काम काज का दिन होने और इलाका भीड़-भाड़ वाला होने के मद्देनजर इसकी अनुमति नहीं दी गयी थी। साथ ही यह बात भी ध्यान में रखा गया था कि यह घटना गुजरात की नहीं थी।
इसके बावजूद भीड़ जब रैली निकालने लगी तो वहां पहले से तैनात पुलिस बल ने उन्हें रोका। इस पर भीड़ उग, होकर पथराव करने लगी जिसमें एक संयुक्त पुलिस आयुक्त, उप पुलिस आयुक्त, सहायक पुलिस आयुक्त और पुलिस सब इंस्पेक्टर घायल हो गये। दो नगर बसों और इतने ही पुलिस वाहनों को भी क्षति पहुंची।
उन्होंने कहा कि स्थिति नियंत्रण में है और लोगों को किसी तरह की अफवाह पर ध्यान नहीं देना चाहिए। शांतिपूर्ण विरोध का अधिकार सबको है पर कानून हाथ में लेने का प्रयास करने वालों से पुलिस सख्ती से निपटेगी।
#WATCH Surat: 4-5 policemen injured after a clash broke out when police tried to stop people from taking out rally in Nanpura area, today. Section 144 (prohibits assembly of more than 4 people in an area) has been imposed in the area. The rally didn’t have permission. #Gujarat pic.twitter.com/UPnu643Cjo
— ANI (@ANI) July 5, 2019