महाराष्ट्र के पुणे जिले में भीमा-कोरेगांव की 200 साल पुरानी जंग की बरसी से उपजे तनाव ने मुंबई समेत महाराष्ट्र के कई शहरों को जातीय हिंसा में झुलसा दिया। वही इस मुद्दे को लेकर आज राज्यसभा में कांग्रेस समेत समस्त विपक्ष ने शोर शराबा किया जिसके कारण शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं हो सका और सदन की कार्यवाही दो बजे तक स्थगित कर दी गयी।
सभापति एम. वेकैंया नायडू ने जैसे ही सदन में प्रश्नकाल शुरू करने का प्रयास किया तो कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी और अन्य विपक्षी दलों के सदस्य अपनी सीटों पर खड़े हो गये और जोर जोर से बोलने लगे। नायडू ने कहा कि यह कोई तरीका नहीं है और किसी सदस्य का वक्तव्य इलेक्ट्रोनिक या प्रिंट के रिकार्ड में नहीं जाएगा।
इसके बावजूद भी विपक्षी सदस्य खड़ रहे और कांग्रेस की रजनी पाटिल एवं बसपा के सतीशचंद मिश्रा बोलते रहे। इसके बाद श्री नायडू ने सदन की कार्यवाही तुरंत ही दूसरी बार दो बजे तक स्थगित कर दी।
इससे पहले शून्यकाल के दौरान विपक्षी सदस्यों ने पुणे में जातीय हिंसा का मुद्दा उठाने की कोशिश की तो श्री नायडू ने उन्हें बोलने का मौका ही नहीं दिया और सदन की कार्यवाही बारह बजे तक स्थगित कर दी जिससे शून्यकाल भी नहीं हो सका।
उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र में पुणे के निकट भीमा-कोरेगांव में कल दलितों और मराठा समुदाय के बीच हिंसक झड़प हुई जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गयी।
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