रेलवे ने सर्कुलर जारी कर ट्रेन में यात्रा के दौरान सोने का नियम बदल दिया है। आपको बता दे कि भारत में 50 % लोग ट्रेन से रात का सफर करना बेहतर समझते हैं। कारण यह कि रात की नींद पूरी हो जाती है साथ ही अगले दिन समय से पहुंचकर अपना दिन शुरू किया जा सकता है। लेकिन अब अगर ट्रेन के सफर के दौरान आपको नींद आ रही है, तो अब इसके लिए आपको कम समय मिलेगा।
बता दे कि रेलवे ने ट्रेन में आपकी नींद को लेकर एक नया फरमान जारी कर दिया है। ट्रेन में यात्रा के दौरान रात के समय सोने के समय में कटौती कर दी है। पुराने नियम के मुताबिक यात्री रात 9 बजे से लेकर सुबह 6 बजे तक ट्रेन में अपनी बर्थ पर सो सकते थे, लेकिन अब इस टाइम में 1 घंटे की कटौती कर दी गई है। नए नियम के मुताबिक अब यात्री रात 10 बजे से लेकर सुबह 6 बजे तक ही सो सकते हैं। नया नियम उन सभी ट्रेनों में लागू होगा जिनमें सोने की सुविधा उपलब्ध है।
रेल मंत्रालय के प्रवक्ता अनिल सक्सेना ने बताया कि ट्रेन में सोने को लेकर यात्रियों के फीडबैक को देखते हुए इसमें बदलाव किया गया है। सोने के लिए पहले से ही एक नियम था। हम इसे स्पष्ट करना चाहते हैं और यह सुनिश्चित करना है कि इसका पालन किया जाए। सर्कुलर में यह भी स्पष्ट किया गया है कि अपर बर्थ वाला व्यक्ति रात 10 बजे से लेकर सुबह 6 बजे तक नीचे वाली बर्थ पर बैठने के लिए अपना दावा नहीं कर सकता है।
रेलवे के नए नियम के अनुसार कुछ यात्रियों को इस नियम में ढील दी गई है। इनमें बीमार, दिव्यांग और गर्भवती महिलाएं शामिल हैं, जो तय किए गए समय के बाद भी अपनी रिजर्व सीट का इस्तेमाल सोने के लिए कर सकती हैं।
रेेलवे ने सोने का समय इसलिए घटाया, क्योंकि यात्रियों के ऐसा करने से अन्य पैसेंजर्स को ज्यादा परेशानी होती थी, जो अपर और मिडिल बर्थ पर सोते थे। खासतौर से मिडिल बर्थ वाले यात्री लोअर बर्थ वाले यात्रियों के लिए परेशानी का सबब बनते थे। हर दिन रेलवे को इसकी शिकायत मिलती थी।