Dahod में बने रेल इंजन अगले तीन साल में एक्सपोर्ट होंगे: Ashwini Vaishnaw - Punjab Kesari
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Dahod में बने रेल इंजन अगले तीन साल में एक्सपोर्ट होंगे: Ashwini Vaishnaw

दाहोद फैक्ट्री में बने इंजन तीन साल में एक्सपोर्ट होंगे: वैष्णव

केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को सीमेंस रोलिंग स्टॉक फैक्ट्री का दौरा किया, जहां उन्होंने लोकोमोटिव निर्माण कार्यशाला की समीक्षा की।

रेल मंत्री ने कहा कि पीएम मोदी का सपना साकार हुआ है और रिकॉर्ड समय में दाहोद में फैक्ट्री का निर्माण हुआ है। आज इसका निरीक्षण कर अच्छा लगा। मुझे उम्मीद है कि दाहोद में इस फैक्ट्री में बने इंजन अगले तीन साल के एक्सपोर्ट होंगे और दुनिया भर में दाहोद का नाम जाना जाएगा। उन्होंने इस बात की खुशी जताई कि यहां काम करने वाले 85 फीसदी लोग लोकल हैं।

दाहोद में बनी फैक्ट्री को लेकर रेल मंत्री ने कहा कि यह बड़ी उपलब्धि है और प्रधानमंत्री मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ का सपना साकार हो रहा है। दाहोद की पवित्र भूमि एक इंडस्ट्रियल हब के तौर पर स्थापित हुई है। यहां की तकनीक देख अच्छा लगा है। इंजन का निरीक्षण करने पर ऐसा लगता है जैसे वह कोई कंप्यूटर सेंटर हो, लोको पायलट और साथियों के लिए एयर कंडीशनर केबिन है, उनके लिए कवच भी फिटेड है। हमारे लोको पायलट के ल‍िए टॉयलेट की सुविधा भी होगी। मैं पीएम मोदी से भी इस बारे में बात करूंगा अगर सब ठीक रहा तो प्रधानमंत्री दाहोद की इस फैक्ट्री को लोगों को समर्पित करेंगे।

बता दें कि केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को गुजरात के अलग-अलग जगहों पर रेलवे के विकास कार्यों की समीक्षा की। अहमदाबाद में उन्होंने अहमदाबाद के कालूपुर रेलवे स्टेशन के री डेवलपमेंट कार्य को देखा। रेल मंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया। पोस्ट में उन्होंने लिखा, “स्टेशनों में री डेवलपमेंट साथ ट्रेन भी चलाना मुश्किल होता है।अहमदाबाद रेलवे स्टेशन के डेवलपमेंट के काम में अच्छी प्रगति है।”

बुलेट ट्रेन परियोजना पर केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, “बुलेट ट्रेन परियोजना अच्छी तरह से आगे बढ़ रही है, 360 किलोमीटर का काम पूरा हो चुका है और ट्रैक बिछाने का काम चल रहा है। स्टेशन का डिज़ाइन अद्वितीय है, जिसमें उच्च गति पर दबाव प्रबंधन के लिए विचार किया गया है। परियोजना का उद्देश्य मार्ग के साथ-साथ आर्थिक केंद्र बनाना, मुंबई, सूरत और अहमदाबाद जैसे शहरों में विकास को बढ़ावा देना, उन्हें एक एकल आर्थिक क्षेत्र के रूप में आपस में जोड़ना है।”

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