राहुल ने किया बैंक हड़ताल का समर्थन, कहा- प्रॉफिट को प्राइवेटाइज और घाटे का राष्ट्रीयकरण कर रही सरकार - Punjab Kesari
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राहुल ने किया बैंक हड़ताल का समर्थन, कहा- प्रॉफिट को प्राइवेटाइज और घाटे का राष्ट्रीयकरण कर रही सरकार

राहुल ने कहा कि “भारत सरकार प्रॉफिट का निजीकरण और नुकसान का राष्ट्रीयकरण कर रही है। सरकार के

सार्वजनिक क्षेत्र के दो और बैंकों के निजीकरण के प्रस्ताव के विरोध में सरकारी बैंकों की हड़ताल का आज दूसरा दिन है। हड़ताल के पहले दिन बैंकिंग कामकाज प्रभावित हुआ। हड़ताल के चलते सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में नकदी निकासी, जमा, चेक समाशोधन और कारोबारी लेनदेन प्रभावित हुआ। यूनियन नेताओं ने दो दिन की इस हड़ताल में करीब 10 लाख बैंक कर्मचारियों और अधिकारियों के शामिल होने का दावा किया है। इस बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बैंक हड़ताल का समर्थन किया है।

राहुल ने ट्वीट कर कहा कि “भारत सरकार प्रॉफिट का निजीकरण और नुकसान का राष्ट्रीयकरण कर रही है। सरकार के करीबी उद्योगपतियों को सरकारी बैंक बेचने से देश की वित्तीय सुरक्षा के साथ समझौता किया जा रहा है। मैं बैंक कर्मचारियों की हड़ताल का समर्थन करता हूं।”

बता दें कि नौ यूनियनों के संगठन यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) ने 15 और 16 मार्च को हड़ताल का आह्वान किया है। ये नौ बैंक यूनियनें हैं…एआईबीईए, एआईबीओसी, एनसीबीई, एआईबीओए, बीईएफआई, आईएनबीओसी, एनओबीडब्ल्यू और एनओबीओ। बैंक यूनियनों ने कहा कि हड़ताल की वजह से तीन राष्ट्रीय ग्रिड…चेन्नई, मुंबई और दिल्ली में 16,500 करोड़ रुपये के 2.01 करोड़ चेकों का समाशोधन नहीं हो सका।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले महीने पेश आम बजट में सरकार की विनिवेश योजना के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों के निजीकरण की घोषणा की थी। ऑल इंडिया बैंक एम्पलाइज एसोसिएश्न (एआईबीईए) ने बयान में कहा कि अतिरिक्त मुख्य श्रम आयुक्त के साथ 4, 9 और 10 मार्च को हुई सुलह-सफाई बैठक में हमने कहा था कि यदि सरकार अपने फैसले पर पुनर्विचार करे, तो हम हड़ताल के फैसले पर पुनर्विचार करेंगे।
लेकिन सरकार ने हमारी पेशकश स्वीकार नहीं की। बयान में कहा गया है कि सोमवार को शुरू हुई हड़ताल सफल रही। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने अपने ग्राहकों को सूचित कर दिया था कि वे लेनदेन के लिए डिजिटल माध्यम मसलन इंटरनेट और मोबाइल बैंकिंग का इस्तेमाल करें।

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