मिशन 2019 लोकसभा चुनावों के मद्देनजर किसानों के बोट बैंक पर सभी पार्टियां नजर गडाए बैठी हैं। आज किसान आंदोलन का तीसरा दिन है। ऐसे में किसानों का आक्रोश बढता देख कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी किसान आंदोलन में कूद गए हैं। उन्होंने कहा कांग्रेस किसानों के विभिन्न मुद्दों को लेकर पूरे देश में आंदोलन छेड़ते हुए ब्लॉक व पंचायत स्तर तक उठाकर सरकार को घेरने की तैयारी में जुट गई है।
उधर हडताल का आज तीसरे दिन है, लेकिन किसानों का गुस्सा अभी भी बरकरार है। दिल्ली, मुंबई सहित पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में सब्जियों के दाम बढ़ गए हैं। किसानों के बंद की वजह से ये असर हो रहा है। किसान संगठनों ने अधिक दाम, कर्ज माफी और भूमि सुधार की मांग करते हुए एक जून से 10 दिनों के बंद का ऐलान किया है। पुणे में किसानों ने दूध के टैंकर पर धावा बोला और सड़कों पर 40 हजार लीटर दूध बहा दिया।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का मंदसौर दौरा यूं तो किसानों के दस दिन गांव बंद कार्यक्रम के पहले ही तय हो गया था, लेकिन छह जून को किसान रैली से कांग्रेस इसे और व्यापक रूप देने जा रही है। उन्होंने किसान आंदोलन में किसानों का साथ देने की बात कही। उन्होंनें शनिवार को कहा कि किसानों की लड़ाई में उनकी पार्टी हर कदम पर उनके साथ खड़ी रहेगी, साथ ही उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार को भी घेरा। राहुल गांधी ने कहा कि बीते चार साल में देश में किसानों की हालत बद से बदतर हुई है। किसानों द्वारा आत्महत्या करने का आंकड़ा बढ़ा है वहीं किसानों को सरकार द्वारा फसल का सही मूल्य भी नहीं मिल पा रहा है।
उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार देश में बढ़ रहे कृषि संकट की तरफ कोई ध्यान नहीं दे रही है। गौरतलब है कि कांग्रेस अध्यक्ष ने मध्य प्रदेश के मंदसौर में होने वाली किसान रैली से पहले यह बयान दिया है। राहुल गांधी ने किसान रैली को लेकर ट्वीट किया कि हमारे देश में हर रोज़ 35 किसान आत्महत्या करते हैं।
कृषि क्षेत्र पर छाए संकट की तरफ़ केंद्र सरकार का ध्यान खींचने के लिए किसान भाई 10 दिन का आंदोलन करने पर मजबूर हैं। हमारे अन्नदाताओं के हक की लड़ाई में उनके साथ खड़े होने के लिए 6 जून को मंदसौर में किसान रैली को संबोधित करूंगा। खास बात यह है कि मंदसौर में पिछले साल किसानों पर हुई पुलिस गोलीबारी की पहली बरसी पर राहुल किसानों की रैली को संबोधित करेंगे।
गौरतलब है कि पैदावार पर सही कीमत न मिलने से परेशान किसानों ने अगले दस दिनों तक देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है। देश भर के किसान इस दौरान साग-सब्जी, दूध, दूध उत्पाद की सप्लाई को पूरी तरह से बंद करने वाले हैं।
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