उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर का दौरा करने के बाद लखनऊ लौटते समय विपक्ष के नेता राहुल गांधी एक मोची की दुकान पर रुके और उससे तथा उसके परिवार से बातचीत की। कांग्रेस सांसद सुल्तानपुर में एक अदालत में पेश होने गए थे, जहां उन्हें मानहानि के एक मामले में तलब किया गया था। वापसी के दौरान राहुल गांधी कुछ देर के लिए मोची की दुकान पर रुके और चप्पलें ठीक करने का प्रयास किया जो कांग्रेस पार्टी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक पोस्ट में शेयर किया है। कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, “विपक्ष के नेता श्री राहुल गांधी ने रास्ते में कार रोकी और मोची परिवार से मिले। हम इन मेहनतकश लोगों के अधिकारों के लिए लगातार लड़ रहे हैं, सड़कों से लेकर संसद तक उनकी आवाज उठा रहे हैं। हमारा उद्देश्य वर्तमान में उनकी सुरक्षा और उनके भविष्य को समृद्ध बनाना है।”
जननायक @RahulGandhi जी ने मोची का काम करने वाले हुनरमंद और मेहनतकश परिवार से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनीं।
ऐसे करोड़ों परिवारों की खुशहाली के लिए हम लगातार काम कर रहे हैं।
इनके साथ हुए हर अन्याय को हराकर, इन्हें सामाजिक और आर्थिक न्याय दिलाना ही हमारा संकल्प है।
📍 उत्तर… pic.twitter.com/mTVZnIZxAZ
— Congress (@INCIndia) July 26, 2024
- विपक्ष के नेता राहुल गांधी एक मोची की दुकान पर रुके
- इस दौरान उन्होंने मोची और उसके परिवार से बातचीत की
- राहुल गांधी ने चप्पलें ठीक करने का प्रयास किया
राहुल गांधी ने दुकान पर चप्पल की सिलाई की
बातचीत के बाद, मोची राम चेत ने कहा कि राहुल गांधी ने उनकी दुकान पर चप्पल की सिलाई की और जूते की पुताई भी की। राम चेत ने कहा, “मैं पिछले 40 सालों से यहां काम कर रहा हूं। राहुल गांधी ने हमारे साथ हमारे व्यवसाय के बारे में चर्चा की। राहुल गांधी ने चप्पल सिली और जूते की पुताई की।” मोची ने कहा, “मैंने उनसे कहा कि मैं आर्थिक रूप से कमजोर हूं और उनसे कुछ मदद मांगी। मैंने उन्हें यह भी दिखाया कि मैं जूते कैसे सीता हूं।” मोची के बेटे रघुराम ने बताया कि वह अब इस पेशे में नहीं है क्योंकि उसने दावा किया कि जब वह मोची के रूप में काम करता था तो उसके साथ सम्मान से पेश नहीं आया जाता था।
हम उनसे मिलकर बहुत खुश हुए- मोची के बेटे रघुराम
रघुराम ने आगे कहा, “हम उनसे मिलकर बहुत खुश हुए। उन्होंने हमारे साथ सम्मान और गरिमा के साथ व्यवहार किया। उन्होंने मुझसे पूछा कि मैं अब इस पेशे में क्यों नहीं लगा हुआ हूँ। मैंने उनसे कहा कि जब मैं मोची का काम करता था तो लोग मेरा सम्मान नहीं करते थे। इसलिए मैंने यह पेशा छोड़ दिया। अब मैं मजदूर के तौर पर काम करता हूँ।” जब उनसे पूछा गया कि राहुल गांधी ने सम्मान की कमी के कारण अपने पिता का पेशा छोड़ने के बारे में क्या कहा, तो रघुराम ने कहा, “उन्होंने मुझसे कहा कि यह मेरा पेशा है और कोई भी पेशा बड़ा या छोटा नहीं होता। हर कोई कारीगरों का सम्मान करता है।” राहुल गांधी ने शुक्रवार को सुल्तानपुर में लोको पायलटों से भी बातचीत की। कांग्रेस ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स के ज़रिए कहा कि लोको पायलटों के साथ राहुल गांधी की बातचीत के बाद मोदी सरकार ने उनके मुद्दों को संबोधित करना शुरू कर दिया है।
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