राहुल गांधी नेहरू के रास्ते पर, पित्रोदा के बयान पर भाजपा का हमला - Punjab Kesari
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राहुल गांधी नेहरू के रास्ते पर, पित्रोदा के बयान पर भाजपा का हमला

सैम पित्रोदा के बयान पर भाजपा का कांग्रेस पर हमला

कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा के बयान पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रवक्ता अजय आलोक ने कांग्रेस पार्टी पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि नेहरू ने जैसे अक्साई चिन, यूएनएससी की सीट चीन को दे दी, राहुल गांधी भी उन्हीं के रास्ते पर चल रहे हैं। राहुल गांधी ने संसद में चीन की तारीफ की। राजीव गांधी फाउंडेशन ने चीन से पैसे लिए। दोस्ती करने के लिए कितना जरूरी है? चीनी राजनयिक के साथ नूडल्स खाते हैं।

उन्होंने कहा, “सैम पित्रोदा ने कुछ गलत नहीं कहा है। वह राहुल गांधी के मेंटर हैं और कांग्रेस पार्टी चीन की बहुत अच्छी दोस्त है। नेहरू जी के समय से ही यूएन सिक्योरिटी काउंसिल में भारत की सीट चीन को दी गई, अक्साई चिन दे दिया, 40 हजार वर्ग किलोमीटर जमीन दे दी। जब चीन के साथ युद्ध हुआ तो इंडियन एयर फोर्स का इस्तेमाल नहीं किया गया, चीन को चावल दे दिया गया। नेहरू जी ने क्या-क्या नहीं किया? लेकिन उनके पोते ने उनके नक्शेकदम पर चलते हुए संसद में चीन की तारीफ की। राजीव गांधी फाउंडेशन ने चीन से पैसे लिए। जब गलवान में युद्ध चल रहा था, तब चीनी सैनिकों की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने भारतीय सैनिकों को हराया। तो, सैम पित्रोदा ने गलत क्या कहा? लेकिन, राहुल गांधी की जो साइड है, वही सही है, कांग्रेस पार्टी की सबसे अच्छी दोस्त चीन है।”

उन्होंने कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई की पत्नी एलिजाबेथ पर आईएसआई की एजेंट होने के आरोपों पर कहा, “जिस पर भी आईएसआई का शक होगा, उसकी जांच होगी। गौरव गोगोई की पत्नी एलिजाबेथ कोलमैन, शादी से पहले पाकिस्तान में काम करती थीं और अली तौफीक शेख के साथ थीं, जो आईएसआई का एजेंट और हैंडलर था। क्या गौरव गोगोई को शादी से पहले यह बात पता थी? गौरव गोगोई ने लोकसभा में डिफेंस से संबंधित कई सवाल पूछे जैसे हमारे कौन से लड़ाकू विमान कहां हैं, कितने हैं, कितने सेना में काम कर रहे हैं? ये सभी बहुत गंभीर आरोप हैं। अगर इनकी जांच हो रही है, तो इसका स्वागत करना चाहिए और गौरव गोगोई को इन सभी बातों की सफाई देनी चाहिए और कांग्रेस पार्टी को भी, क्योंकि वह उप नेता की एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।”

उन्होंने भारत में मतदाता भागीदारी बढ़ाने के लिए यूएस के निर्धारित 21 मिलियन डॉलर की सहायता राशि को रद्द किए जाने पर कहा, “मैं यह कहूंगा कि 21 मिलियन डॉलर यानी लगभग 185 करोड़ रुपए आज की मुद्रा दर के हिसाब से है। इस देश की जनता को यह जानने का हक है कि ये 180 करोड़ रुपए किसने लिए और चुनाव में वोटरों को प्रभावित करने के लिए किसने दिए। हम यूएस सरकार से अपील करेंगे कि जब उन्होंने यूएस राज्यों पर प्रतिबंध लगाया है और फंडिंग बंद की है, तो यह फंडिंग पहले किन-किन को गई थी, कृपया इसका भी खुलासा करें। भारत सरकार भी इस मामले को देख रही है।”

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