मनमोहन के खिलाफ प्रधानमंत्री की टिप्पणी का मुद्दा : कांग्रेस करेगी सरकार के जवाब की प्रतीक्षा - Punjab Kesari
Girl in a jacket

मनमोहन के खिलाफ प्रधानमंत्री की टिप्पणी का मुद्दा : कांग्रेस करेगी सरकार के जवाब की प्रतीक्षा

NULL

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपने पूर्ववर्ती मनमोहन सिंह के खिलाफ की गई कथित टिप्पणी को लेकर संसद में जारी गतिरोध के बीच कांग्रेस ने आज कहा कि वह इस मामले में सरकार के जवाब की प्रतीक्षा करेगी। पार्टी ने यह भी कहा कि यदि इस मामले में प्रधानमंत्री मोदी खेद जता लेते हैं तो इससे उनके पद की गरिमा कम नहीं होगी। शीतकालीन सत्र शुरू होने के बाद से ही कांग्रेस तथा अन्य विपक्षी दल इस मुद्दे को संसद के दोनों सदनों में उठा रहे हैं। इस दौरान कांग्रेस के सदस्यों ने दोनों सदनों में आसन के समक्ष आकर प्रधानमंत्री से इसे लेकर स्पष्टीकरण देने और माफी मांगने की भी मांग की। राज्यसभा में कांग्रेस के उप नेता आनंद शर्मा ने आज संवाददाताओं से कहा कि सभापति एम वेंकैया नायडू के सुझाव पर सदन के नेता एवं विथ मंत्री अरूण जेटली के साथ विपक्षी दलों के नेताओं की इस मुद्दे पर बैठक हुई थी। इस बैठक में संसदीय कार्य मंत्री भी मौजूद थे। शर्मा ने कहा कि इस बैठक में विपक्षी नेताओं से कहा गया कि वह राज्यसभा में आज दूर होने के आसार नजर आए क्योंकि विपक्ष और सथाधारी दल ने आमसहमति के समाधान के लिए दिए गए आसन के सुझाव पर सहमति जताते हुए एक पैनल गठित करने का फैसला किया।

कांग्रेस सदस्य मांग कर रहे थे कि प्रधानमंत्री मोदी गुजरात चुनाव के दौरान मनमोहन सिंह के खिलाफ की गई टिप्पणी के लिए सदन में आ कर स्पष्टीकरण दें। पार्टी के सदस्यों ने मोदी से माफी की मांग भी की। सभापति एम वेंकैया नायडू ने विपक्ष तथा सरकार से बातचीत करने और गतिरोध दूर करने का आग्रह किया जिस पर दोनों पक्षों ने सहमति जताई। यह मुद्दा उठाते हुए विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि प्रधानमंत्री को सदन में आना चाहिए और स्पष्टीकरण देना चाहिए। उन्होंने अपने पूर्ववर्ती पर पाकिस्तान के साथ षड्यंत्र करने का आरोप लगाया है। यह आरोप एक बड़ मुद्दा है। आजाद ने कहा कि गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान आरोप लगाए गए लेकिन यह लोकतंत्र, राजनीति और देश के लिए कतई अच्छा नहीं है। उन्होंने कहा कि देश के प्रति मनमोहन सिंह की निष्ठा सवालों से परे है। आजाद ने जब यह मुद्दा उठाया, उस समय मनमोहन सिंह सदन में मौजूद थे। आजाद ने कहा क्या यह वह व्यक्ति हैं जो भारतीय राज्य के खिलाफ साजिश रच रहे थे ? क्या पूर्व प्रधानमंत्री, पूर्व उप राष्ट्रपति देश के प्रति निष्ठा नहीं रखते। ये आरोप किसी और ने नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री ने लगाए हैं।  उन्होंने कहा भारत के प्रधानमंत्री को सदन में आना चाहिए और अपनी टिप्पणी पर स्पष्टीकरण देना चाहिए। अगर पूर्व प्रधानमंत्री और अन्य गलत साबित होते हैं तो उनके खिलाफ कार्वाई की जानी चाहिए। इस दौरान कांग्रेस के अन्य सदस्य प्रधानमंत्री से माफी की मांग कर रहे थे।

हंगामे के बीच सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि उन्होंने आज सुबह एक अनौपचारिक बैठक की। उन्होंने कहा मेरे विचार से देश के लिए सदन को ठीक से चलते न देखना अच्छा नहीं है। मैं सुझाव देता हूं कि विभिन्न दलों के नेता, संसदीय मामलों के मंत्री, सदन के नेता, विपक्ष के नेता और अन्य वरिष्ठ नेताओं से बात करें और इस गतिरोध को दूर करने के लिए एक ऐसा समाधान निकालें जो देश के हित में हो।उन्होंने कहा कि लोकतंत्र और संसदीय व्यवस्था काम कर सके इसके लिए दोनों पक्षों को एक सहमति बनानी होगी और आगे आना होगा। सभी चीजों पर अंदरूनी चर्चा की जा सकती है और ये देखा जाना चाहिए कि सदन समुचित तरीके से चले तथा संसद की गरिमा बनी रहे। इस सुझाव पर सहमति जताते हुए आजाद ने कहा सदन के नेता की अध्यक्षता में सभी विपक्षी दलों की एक बैठक होने दी जाए। उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस पार्टी का ही सवाल नहीं है बल्कि अन्य दलों के नेताओं में भी चिंता है। यह विशेषाधिकार का मामला है। ऐसा समाधान होना चाहिए जिससे मनमोहन सिंह भी संतुष्ट हों।

सदन के नेता अरुण जेटली ने कहा हम समाधान निकालने की कोशिश करेंगे। मैं विपक्ष के नेता सहित अपने सभी सहयोगी साथियों को आमंत्रित करूंगा ओर हम विचारविमर्श कर कोई समाधान निकालने की कोशिश करेंगे। हम आज ही यह करेंगे। जेटली ने इसके लिए एक समिति बनाने का सुझाव दिया। इससे पहले, सभापति ने कहा कि मनमोहन सिंह उनसे मिले और उन्हें अपनी भावनाओं तथा चिंता से अवगत कराया। नायडू ने कहा मैंने उनसे बात की और समझा कि वह क्या कहना चाहते थे। मुझे इस संबंध में एक नोट भी मिला है। यह जानकारी भी मुझे दूसरों ने दी कि प्रधानमंत्री ने क्या कहा। प्रधानमंत्री देश के प्रधानमंत्री हैं और यह बात सबको अपने दिमाग में रखना चाहिए। कांग्रेस के उप नेता आनंद शर्मा ने कहा हम चाहते हैं कि सदन चले और इसकी गरिमा बरकरार रहे। यह जिम्मेदारी प्रधानमंत्री की भी है।

24X7 नई खबरों से अवगत रहने के लिए क्लिक करे

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

two + five =

Girl in a jacket
पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।