प्रधानमंत्री केवल ‘झूठ बोलते हैं’ : राहुल गांधी - Punjab Kesari
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प्रधानमंत्री केवल ‘झूठ बोलते हैं’ : राहुल गांधी

मानव-पशु संघर्ष और चिकित्सा सुविधाओं में अभाव आदि को समझने आए हैं। गांधी ने कहा, ‘‘मैं समझता हूं

 प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर तीखा प्रहार करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को कहा कि प्रधानमंत्री केवल झूठ बोलते हैं और गरीबों से चोरी करते हैं। वायनाड, मलप्पुरम और कोझिकोड़ जिलों में फैले अपने वायनाड लोकसभा क्षेत्र में तीन रैलियां करने और पल्लकड जिले के तीर्थाला में चुनाव प्रचार करने वाले गांधी ने मोदी और आरएसएस को निशाने पर लिया एवं भ्रष्टाचार का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने शाम को तीर्थाला में अपने प्रचार अभियान का समापन करते हुए कहा, ‘‘प्रधानमंत्री जितना जो कुछ करते हैं, वह यह है कि वह झूठ बोलते हैं और गरीबों से चोरी करते हैं। जिस दिन पुलवामा हमला हुआ, उसी दिन उनके दोस्त अडानी को छह हवाई अड्डे दिये गये। और वह (मोदी)कहते हैं कि वह कालेधन के खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं।’’

गांधी ने कहा, ‘‘मोदी कहते हैं कि नोटबंदी कालेधन के खिलाफ संघर्ष के लिए था लेकिन उसने भारतीय अर्थव्यवस्था को तबाह कर दिया। पचास लाख लोगों का नोटबंदी के बाद काम छूट गया।’’ वायनाड की खूब प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि वह इस सुदूर जिले का प्रतिनिधित्व करता चाहते हैं क्योंकि यह ‘सुंदर स्थान’ विभिन्न विचारों और संस्कृतियों का प्रतीक है। गांधी अपनी पारंपरिक पारिवारिक सीट अमेठी के अलावा वायनाड से भी लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। इसी बात को लेकर मोदी और भाजपा ने उन पर हमला किया था। पिछले हफ्ते नागपुर में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने एक रैली में उत्तर केरल में अपनी दूसरी सीट चुनने को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष की यह कहते हुए निंदा की कि , ‘जब वहां जुलूस निकला तब यह पता करना मुश्किल लग रहा था कि यह भारत है या पाकिस्तान।’

 शाह राहुल गांधी द्वारा चार अप्रैल को नामांकन भरने से पहले उनके रोडशो में नजर आ रहे आईयूएमएल के हरे झंडे का जिक्र कर रहे थे। गांधी ने यह भी कहा कि भगवा पार्टी अहंकारी है और मानती है कि वह भारतीय इतिहास को पुनर्परिभाषित कर सकती है। उन्होंने कहा, ‘‘केवल भारत के लोग ही देश को परिभाषित और उसके बारे में निर्णय ले सकते हैं। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि उत्तर प्रदेश, नगालैंड से बड़ा है। सभी भारतीयों की आवाज मायने रखती है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यही वह लड़ाई है जो चल रही है। ये लोग भारत को परिभाषित करना क्यों चाहते हैं। भारत को पुनर्परिभाषित करने का उनका पूरा लक्ष्य भारत से चोरी करना है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘पूरा विचार दो भारत बनाना है। एक भारत अंबानी, अडानी, नीरव मोदी, मेहुल चौकसी, विजय माल्या के लिए और दूसरा भारत अन्य लोगों के लिए । ’’

गांधी ने कहा कि जिन किसानों ने महज मामूली कर्ज लिया वे उसका नहीं भुगतान करने पर जेल में हैं जबकि 35000 करोड़ रूपये का ऋण लेने वाले स्वतंत्र घूम रहे हैं। मोदी और आरएसएस पर तीखे हमले करते हुए उन्होंने कहा कि केरल के मुद्दे राज्य के लोगों को सुलझाना चाहिए, मोदी या आरएसएस प्रमुख को नहीं।

वायनाड में तीन विशाल रैलियों को संबोधित करते हुए गांधी ने भाजपा नीत राजग सरकार की जमकर आलोचना की और कहा कि भगवा पार्टी की रूचि देश के लोगों पर बस अपनी विचाराधारा थोपने में है। उन्होंने कहा कि केरल के मुद्दों का फैसला राज्य के लोगों द्वारा होना चाहिए न कि मोदी और आरएसएस प्रमुख द्वारा। उन्होंने वायनाड के वंदूर में एक रैली में कहा, ‘‘ मोहन भागवत हमें इतिहास और संस्कृति का पाठ पढ़ाने वाले होते कौन हैं? केरल को केरल के लोगों द्वारा चलाया जाना चाहिए। हर राज्य में यही भावना है।’’

 प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए गांधी ने कहा कि वह यहां अपने ‘‘मन की बात’’ कहने नहीं आए हैं बल्कि यहां लोग जो समस्याएं झेल रहे हैं जैसे कि रात में यात्रा पर प्रतिबंध, मानव-पशु संघर्ष और चिकित्सा सुविधाओं में अभाव आदि को समझने आए हैं। गांधी ने कहा, ‘‘मैं समझता हूं कि यहां जटिल समस्याएं हैं। मानव-पशु संघर्ष है।

विकास और पर्यावरण के बीच टकराव है… मैं समाधान होते हुए देखना चाहता हूं। मैं समाधान थोपने में यकीन नहीं करता। मैं ऐसे मुद्दों के समाधान में अपने लोगों की समझदारी एवं बुद्धिमानी में विश्वास करता हूं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं प्रधानमंत्री की तरह नहीं हूं…मैं झूठे वादे नहीं करने जा रहा हूं और यहां यह कहने नहीं आया कि मैं आपको दो करोड़ नौकरियां दूंगा…आपके खाते में 15 लाख रुपए आएंगे या फिर कहूं कि मैं किसानों को जो कुछ चाहिए वे सब दूंगा।

मैं झूठ नहीं बोलूंगा… क्योंकि मैं आपकी समझदारी एवं बुद्धिमानी का सम्मान करता हूं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ मैं केवल कुछ महीनों का रिश्ता नहीं चाहता। मैं जिंदगीभर का साथ चाहता हूं। मैं चाहता हूं कि वायनाड की बहनें कहें कि मैं उनके भाई जैसा हूं, माता-पिता कहें कि मैं उनका बेटा हूं।’’ उनके यह कहने पर लोगों ने ‘राहुल, राहुल’ के नारे लगाए। उन्होंने यह भी कहा कि वह यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि दक्षिण की आवाज देश के बाकी हिस्सों जितना ही महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, ‘‘ मैंने जब दक्षिण भारत से चुनाव लड़ने का निर्णय लिया, तो मुझे लगा कि वायनाड एक सुंदर जगह है, क्योंकि यह विभिन्न विचारों, संस्कृतियों का नेतृत्व करता है। केरल शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व का उदाहरण है। केरल और वायनाड से बाकी देश काफी कुछ सीख सकता है।’’

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