मोदी कैबिनेट में अभी हाल ही हुए फेरबदल के बाद उमा भारती का बयान आया है केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने कहा कि उनको हटाने की वजह प्रधानमंत्री की नामामि गंगे परियोजना को लागू कराने में विफल रहना नहीं है। उन्होंने साफ किया कि प्रधानमंत्री उनसे नाराज नहीं हैं। उमा को नए कैबिनेट विस्तार में मंत्रालय बदलकर पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय दिया गया है।
उमा भारती ने कहा कि अगर हम विफल हुए तो मुझे पेयजल विभाग कैसे मिला। इस विभाग के मिलने का मतलब है कि स्वच्छ गंगा के मोर्चे पर हम सफल रहे हैं। गंगा को स्वच्छ बनाने के लिए बुनियादी स्तर पर जो भी काम किए जाने थे उन्हें ईमानदारी से किया गया है। साथ ही उमा भारती ने कहा कि पिछले 3 साल में प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें दो बार डांटा भी, लेकिन काम की वजह से नहीं।
उमा जिन्हें अब पेय जल और स्वच्छता मंत्रालय सौंपा गया है उन्होंने कहा कि गंगा प्रोजेक्ट में वह विफल नहीं हुईं। उन्होंने कहा कि वह अक्टूबर में गंगा यात्रा की शुरुआत करेंगी। यह यात्रा लगभग एक साल तक चलेगी। उमा ने कहा, ‘मैं गंगा की सफाई में फेल नहीं हुई हूं, ऐसा होता तो नितिन गडकरी को यह जिम्मेदारी क्यों सौंपी जाती, जबकि यह खुद बता चुके हैं कि वह पिछले तीन सालों से गंगा सफाई में मेरे साथ हाथ बंटा रहे थे।’ अब गंगा सफाई की जिम्मेदारी नितिन गडकरी को दी गई है।
एक कार्यक्रम में शामिल हुई उमा ने ही गंगा का जिक्र शुरू किया था। उन्होंने कहा कि गंगा यात्रा के दौरान वह उन गांवों को भी देखेंगी जहां के लोग गंगा में खुले में शौच करने को मजबूर हैं। मंत्रालयों में हुए बदलाव से पहले माना जा रहा था कि उमा भारती गंगा सफाई की जिम्मेदारी छिनने से नाराज हैं। वह शपथ ग्रहण समारोह में जाने की जगह वाराणसी में थीं।
आपको बता दें कि 2018 तक गंगा को स्वच्छ बनाने का लक्ष्य रखा गया है। गंगा को स्वच्छ बनाने के लिए जल संसाधन मंत्रालय द्वारा 160 परियोजनाएं मंजूर की गई हैं, जिसकी कुल लागत 12,500 करोड़ रुपये है।