राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद द्वारा गत सप्ताह पारित किए गए 3 नए आपराधिक न्याय विधेयकों को सोमवार को स्वीकृति प्रदान कर दी। 3 नए कानून- भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य कानून औपनिवेशिक काल के 3 कानूनों भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और 1872 के भारतीय साक्ष्य अधिनियम का स्थान लेंगे।
#WATCH | End of colonial-era laws!
PM @narendramodi lauds the passage of three criminal
justice bills as a watershed moment in history. pic.twitter.com/Lld0ZmxE2S— DD News (@DDNewslive) December 23, 2023
संसद में तीनों विधेयकों पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि इन विधेयकों का उद्देश्य पूर्ववर्ती कानूनों की तरह दंड देने का नहीं बल्कि न्याय मुहैया कराने का है। उन्होंने कहा कि इन कानूनों का उद्देश्य विभिन्न अपराधों और उनकी सजा को परिभाषा देकर देश में आपराधिक न्याय प्रणाली में आमूल-चूल बदलाव लाना है। इनमें आतंकवाद की स्पष्ट परिभाषा दी गयी है, राजद्रोह को अपराध के रूप में खत्म कर दिया गया है और ‘‘राज्य के खिलाफ अपराध’’ शीर्षक से एक नया खंड जोड़ा गया है।
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