गणेश चतुर्थी : गणेश चतुर्थी का त्यौहार नजदीक आते ही तमिलनाडु और राजस्थान में त्यौहारी तैयारियाँ अपने चरम पर हैं। तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली और मदुरै जिलों में कारीगर पर्यावरण के अनुकूल गणेश प्रतिमाओं को तैयार करने में व्यस्त हैं। कारीगर मूर्तियों को रंग रहे हैं, जो त्यौहार के उत्साह को दर्शाता है। इन प्रतिमाओं के विभिन्न आकार, रंग और डिज़ाइन बाजार में उपलब्ध हैं, जो त्यौहार की खरीदारी को आकर्षक बना रहे हैं।
Highlight :
- तमिलनाडु और राजस्थान में गणेश चतुर्थी की तैयारियां तेज
- जयपुर में भी गणेश चतुर्थी के लिए इको-फ्रेंडली मूर्तियों की मांग
- पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाएगा गणेश चतुर्थी
राजस्थान में भी इको-फ्रेंडली मूर्तियों की मांग
जयपुर में भी गणेश चतुर्थी के लिए इको-फ्रेंडली मूर्तियों की तैयारी चल रही है। जेएलएन मार्ग पर बड़े पैमाने पर मूर्तिकार भगवान गणेश की मूर्तियां बना रहे हैं। यहां के मूर्तिकार प्लास्टर ऑफ पेरिस की बजाय मिट्टी का अधिक उपयोग कर रहे हैं, जिससे मूर्तियों को पर्यावरण के अनुकूल बनाया जा सके। खरीदार भी अपनी पसंदीदा मूर्तियों की बुकिंग के लिए दुकानों पर पहुंच रहे हैं, जिससे इको-फ्रेंडली विकल्पों की मांग में वृद्धि हो रही है।
मूर्तियों को रंगने में हर्बल रंगों का इस्तेमाल
कारीगर मूर्तियों पर हर्बल रंगों का उपयोग कर रहे हैं, ताकि विसर्जन के दौरान रासायनिक रंगों के कारण पानी प्रदूषित न हो। यह कदम पर्यावरण की सुरक्षा के प्रति सजगता को दर्शाता है और लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। चित्रकार जिलों में मूर्तियों को अंतिम रंग देने में व्यस्त हैं, ताकि त्यौहार के दिन वे बाजार में उपलब्ध हो सकें।
देश भर में गणेश चतुर्थी की धूमधाम की तैयारी
गणेश चतुर्थी पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाएगा। दिल्ली, मुंबई, कश्मीर घाटी और अन्य शहरों में भी त्यौहार की तैयारियाँ जोरों पर हैं। मुंबई से भगवान गणेश की प्रसिद्ध मूर्ति ‘लालबाग का राजा’ इस साल दिल्ली में भी दिखाई देगी। गणेश चतुर्थी भगवान गणेश के जन्म का उत्सव है, जो 10 दिनों तक मनाया जाता है, और यह हिंदू त्योहारों में से एक सबसे लोकप्रिय है।
मूर्तियों को अंतिम रंग देने में व्यस्त हैं चित्रकार
बता दें कि कारीगर पर्यावरण के प्रति सजगता दिखाते हुए मूर्तियों पर हर्बल रंगों का इस्तेमाल कर रहे हैं। इस पहल से मूर्तियों के विसर्जन के दौरान पानी की गुणवत्ता पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और रासायनिक प्रदूषण से बचा जा सकेगा। चित्रकार इस समय मूर्तियों को अंतिम रंग देने में व्यस्त हैं, जिससे त्यौहार के दौरान पर्यावरण की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। जयपुर में भी गणेश चतुर्थी के अवसर पर इको-फ्रेंडली मूर्तियों की तैयारी की जा रही है।
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