आतंकी समूहों के बचाव के लिए राजनीतिक सहूलियत की दलीलें अब बर्दाश्त नहीं : सीतारमण  - Punjab Kesari
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आतंकी समूहों के बचाव के लिए राजनीतिक सहूलियत की दलीलें अब बर्दाश्त नहीं : सीतारमण 

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भारत ने जोर देकर कहा कि दुनिया को अब यह अहसास हो गया है कि “अच्छे आतंकवादी” कुछ नहीं होता। साथ ही कहा कि आतंकी संगठनों के बचाव के लिए दी जाने वाली राजनीतिक सहूलियत की दलीलें अब बर्दाश्त नहीं की जाएंगी। उन्होंने यह स्पष्ट रूप से पाकिस्तान के संदर्भ में कहा, जिस पर आरोप लगते रहते हैं कि वह पड़ोसियों पर हमले करने वाले आतंकी समूहों को सुरक्षित पनाहगाह मुहैया करवाता है। शंघाई सहयोग संगठन परिषद के रक्षा मंत्रियों की बैठक को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने सीमापार आतंकवाद, चरमपंथ, साइबर सुरक्षा और मादक पदार्थों की तस्करी जैसे मुद्दे उठाए।

उन्होंने कहा, “इन मुद्दों के ऐसे समाधान की जरूरत है जो सहयोग की रूपरेखा पर आधारित हों और जिसमें सभी देश और पक्षकार शामिल हों।” पाकिस्तानी रक्षा मंत्री खुर्रम दस्तगीर खान की मौजूदगी में सीमापार आतंकवाद के मुद्दे को उठाते हुए सीतारमण ने कहा कि आतंकवाद को किसी भी तरह का समर्थन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

उन्होंने कहा , “आतंकी संगठनों के बचाव के लिए राजनीतिक सहूलियत के तर्क देना अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। निश्चित ही अब दुनिया को अहसास हो चुका है कि अच्छे आतंकी जैसा कुछ नहीं होता।” भारत और अफगानिस्तान आरोप लगाते हैं कि पाकिस्तान लश्कर ए तैयबा , जैश ए मोहम्मद , तालिबान और हक्कानी नेटवर्क जैसे आतंकी समूहों को सुरक्षित पनाहगाह मुहैया करवाता है।

सीतारमण ने कहा , “अफगानिस्तान में आतंकवाद के लगातार बने हुए खतरे के प्रति हमें कोई भी समझौता नहीं करने का रूख अपनाना चाहिए। स्थिरता प्राप्त करने में अफगानिस्तान की सहायता करने के लिए भारत प्रतिबद्ध है, इसमें अफगान सुरक्षा बलों की क्षमता निर्माण में सहयोग करना भी शामिल है।”

रक्षा मंत्री बनने के बाद पहली बार चीन आई सीतारमण ने कहा कि प्रभाव के नए केंद्र विकसित हुए हैं , खासकर एशिया में जिसके कारण भू रणनीतिक शत्रुता पनप रही है। एससीओ रक्षा मंत्रियों की बैठक में उन्होंने कहा, “एससीओ सदस्यों के तौर पर हम बेहतर सहयोग के लिए काम करते हुए शांति और स्थिरता की ओर बढ़ सकते हैं।”

रक्षा मंत्री ने कहा, “सालाना सात से आठ फीसदी की दर से विकसित होती अर्थव्यवस्था के साथ एक युवा और सक्रिय भारत एससीओ में शामिल हुआ और सहयोग के नए दौर में प्रवेश करना चाहता है। मैं सभी को आमंत्रित करती हूं कि वह साझा समृद्धि और शांति की साझेदारी की ओर भारत के साथ मिलकर सक्रियता से काम करे।”

सीतारमण ने कहा कि रूस में इस वर्ष के अंत में होने वाले एससीओ शांति मिशन के संयुक्त सैन्य अभियान में वह मजबूत भागीदारी करेगा। उन्होंने कहा , “हमारा मानना है कि एससीओ रूपरेखा में सहयोग से क्षेत्र में भारत के द्विपक्षीय रक्षा संबंध मजबूत होंगे।”

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