रायपुर : छत्तीसगढ़ में पुलिस को आम जनता से दूरी मिटाने के लिए सोशल मीडिया में सक्रियता बढ़ाने निर्देशित किया गया है। आम तौर पर आम लोगों के बीच पुलिस छवि बेहतर नहीं मानी जाती है। इधर प्रधानमंत्री ने भी पुलिस अफसरों को सोशल मीडिया में सक्रियता बढ़ाकर दूरी खत्म करने की नसीहतें दी है। यही वजह है कि छत्तीसगढ़ पुलिस अब इसे आगे बढ़ाते हुए फार्मूले को अमलीजामा पहनाने की तैयारी में है।
दरअसल, पीएम के निर्देशों के बाद राज्य के डीजीपी ने अला पुलिस अफसरों को वीडियो कांफ्रेंसिंग में कुछ इसी तरह के निर्देश दिए हैं। स्मार्ट पुलिसिंग के साथ आम लोगों के सुझाव के आधार पर भी काम करने जोर दिया गया है। राज्य में पुलिस भी इस फार्मूले को अपनाते हुए आगे बढ़ती नजर आ रही है। प्रधानमंत्री ने साइबर अपराध और मानव तस्करी जैसे मामलों को आम लोगों की मदद से ही निपटाने की मंशा जताई है।
ऐसा माना जा रहा है कि आम लोगों से सीधे चर्चा कर मिले क्लू के आधाार पर ही अपराधियों तक आसानी से पहुंचा जा सकता है। इसके लिए सोशल मीडिया में सक्रियता बढ़ाना आवश्यक होगा। पुलिस की छवि सुधारने में सोशल मीडिया के भूमिका अधिक प्रभावी होगी। राज्य में पहले भी सोशल मीडिया में कुछ अफसर सक्रियता दिखाते रहे हैं।
इसके बावजूद अनुशासन के दायरे में आने के बाद पुलिस अफसरों ने सोशल मीडिया में सक्रियता कम कर दी है। अब पीएम के निर्देश के बाद डीजीपी के फरमान से इसमें फिर से सक्रियता बढ़ सकती है। मुखबिरों से मिली सूचना के बलावा सोशल मीडिया में आम लोगों के पास उपलब्ध सूचनाओं को भी अपराध पर नियंत्रण करने में प्रभावी माना जाता है। ऐसी स्थिति में नए सिरे से कवायदें शुरू होते ही अपराध पर नियंत्रण काफी हद तक संभव हो पाएगा। राजधानी समेत सभी जिलों में इस फार्मूले के तहत काम करने निर्देशित किया गया है। इसके साथ ही अपराधों पर भी पुलिस की नजर होगी।
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