पंजाब नेशनल बैंक में हुए साढ़े 11 हजार करोड़ के घोटाले मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। सीबीआई गिरफ्त में आए पीएनबी के पूर्व डिप्टी मैनेजर गोकुलनाथ शेट्टी ने कबूल किया है कि उसे एलओयू (लेटर ऑफ अंडरटेकिंग) जारी करने के बदले रिश्वत मिलती थी। सीबीआई पूछताछ में शेट्टी ने बताया कि एलओयू के अमाउंट के आधार पर परसेंटेज फिक्स था। आपको बता दें कि गोकुलनाथ शेट्टी वही अधिकारी है जिसने बैंक गारंटी दी थी।
शेट्टी ने पूछताछ के दौरान कुछ और बैंक अधिकारियों के शामिल होने की बात कही है। बयान के आधार पर सीबीआई इन अधिकारियों को पूछताछ के लिए बुलाने जा रही है। सीबीआई ने शनिवार आधी रात में गिरफ्तार किए गए तीन आरोपियों से घंटों पूछताछ की। इनकी पूछताछ के आधार पर पंजाब नेशनल बैंक से अहम दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं। सीबीआई तीनों को उसी ब्रांच में लेकर पहुंची जहां घोटाला हुआ।
बता दें कि पीएनबी धोखाधड़ी मामले में सीबीआई ने बैंक के एक सेवानिवृत्त डिप्टी मैनेजर गोकुलनाथ शेट्टी, एकल खिडक़ी संचालक मनोज खरात, और नीरव मोदी की कंपनियों के अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता हेमंत भट को गिरफ्तार किया था। तीनों आरोपियों को शनिवार को मुंबई स्थित सीबीआई विशेष अदालत में पेश किया गया, जहां से तीनों को तीन मार्च तक के लिए सीबीआई रिमांड में भेज दिया गया है।
सीबीआई तीनों को मुंबई में पीएनबी की ब्रैंडी हाउस ब्रांच में लेकर गई। तीनों आरोपियों को आमने सामने बिठाकर पूछताछ की गई। पूछताछ के आधार पर बैंक से कई दस्तावेज भी जब्त किए गए। फिलहाल सीबीआई के राडार पर पीएनबी के 6 और कर्मचारी हैं।
पीएनबी घोटाला क्या है ?
देश के बैंकिंग इतिहास के सबसे बड़े फ्रॉड में से एक पंजाब नेशनल बैंक के 11,500 करोड़ रुपये के घोटाले के खुलासे के बाद डायमंड किंग नीरव मोदी और गीतंजलि जेम्स के प्रमोटर मेहुल चौकसी के खिलाफ सीबीआई की तरफ से शिकायत के बाद एफआईआर दर्ज की गई है।
नीरव मोदी और मेहुल चौकसी इस घोटाले का मुख्य आरोपी है और उसे देखते ही पकड़ने के लिए लुकआउट नोटिस भी जारी किया जा चुका है। विदेश मंत्रालय ने नीरव मोदी और मेहुल चौकसी का पासपोर्ट निलंबित कर दिया है और इनके विदेश के आउटलेट्स पर भी कारोबार न करने का आदेश दिया जा चुका है।
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