PNB घोटाला : CBI ने बैंक के जनरल मैनेजर राजेश जिंदल को किया गिरफ्तार - Punjab Kesari
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PNB घोटाला : CBI ने बैंक के जनरल मैनेजर राजेश जिंदल को किया गिरफ्तार

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पंजाब नेशनल बैंक में हुए सबसे बड़े घोटाले में एक और बड़ी कार्रवाई हुई है। सीबीआई ने बैंक के जनरल मैनेजर राजेश जिंदल को मुंबई से गिरफ्तार किया है। जिंदल पर आरोप है कि उनके समय से ही नीरव मोदी की कंपनी को लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (LoU) जारी हुए थे। राजेश जिंदल 2009 से 2011 के बीच ब्रैडी हाउस ब्रांच के हेड थे। सीबीआई लगातार घोटाले के आरोपियों के ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। साथ ही कंपनी से जुड़े हर आदमी से पूछताछ की जा रही है। पीएनबी से जुड़े 11400 करोड़ के स्कैम में एक्शन लेते हुए सीबीआई ने मंगलवार को देर रात राजेश जिंदल को गिरफ्तार किया।

गौरतलब है कि इससे पहले घोटाले के मामले में पीएनबी के तीन और अधिकारी गिरफ्तार हो चुके हैं। मंगलवार रात को हुई राजेश जिंदल की गिरफ्तारी भले की बैंक कर्मचारियों में सबसे बड़ी हो, लेकिन इससे पहले भी कई अधिकारी CBI की गिरफ्त में आ चुके हैं। इससे पहले बीती रात को सीबीआई ने 11,400 करोड़ रूपये के घोटाले की जांच के सिलसिले में मुख्य आरोपी नीरव मोदी की फाइव स्टार डायमंड कंपनी के अध्यक्ष (वित्त) विपुल अंबानी को मंगलवार को गिरफ्तार किया था।

अधिकारियों ने यह जानकारी देते हुए बताया था कि इस मामले में यह पहली बड़ी गिरफ्तारी है। मामले के दो मुख्य आरोपी नीरव मोदी तथा मेहुल चोकसी देश छोड़ कर जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि इस घोटाले में दर्ज अपनी दो प्राथमिकियों के सिलसिले में जांच एजेंसी ने चार अन्य वरिष्ठ कार्यपालक अधिकारियों को भी गिरफ्तार किया।

PNB के तीन अधिकारी गिरफ्तार 

सीबीआई ने सोमवार को पीएनबी के तीन अधिकारियों को गिरफ्तार किया था। इससे पहले पीएनबी के एकल खिड़की ऑपरेटर मनोज खरात और सेवानिवृत्त कर्मचारी गोकुलनाथ शेट्टी को गिरफ्तार किया था। सोमवार शाम को विदेशी मुद्रा विभाग के मुख्य प्रबंधक बेचू तिवारी, स्केल-2 के प्रबंधक यशवंत जोशी और स्केल-1 के संचालन अधिकारी प्रभुल्ल सावंत गिरफ्तार हुए थे। एक अधिकारी ने बताया कि जांच एजेंसी ने नवी मुंबई, अंधेरी और दांबिवली स्थित तीनों के ठिकानों पर भी छापेमारी की। सीबीआई का कहना है कि तीनों को इस घोटाले की पहले से ही पूरी जानकारी थी।

वित्त मंत्री ने तोड़ी चुप्पी 

पंजाब नेशनल बैंक में हुए 11,400 करोड़ रुपए के घाटोले के मामले में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी अपनी चुप्पी तोड़ी है। मंगलवार को उन्होंने कहा कि बैंकिंग प्रणाली के साथ धोखाधड़ी करने वाले धोखेबाजों को सरकार पकड़कर रहेगी। साथ ही उन्होंने बैंकों के प्रबंधन तंत्र को भी इस बात के लिए कठघरे में खड़ा किया।

पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) और धोखाधड़ी के कथित साजिशकर्ता नीरव मोदी का नाम लिए बगैर जेटली ने देश में कारोबारियों के खिलाफ नैतिकता का सवाल उठाया। उन्होंने यह भी सवाल किया क्यों बैंक के आंतरिक और बाहरी ऑडीटर इस धोखाधड़ी को पकड़ने में विफल रहे जो सात साल से चल रहा था।

आपको बता दें कि केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई के मुताबिक बैंक से उसे दो शिकायतें मिली थीं जिनमें आरोप लगाया गया कि बैंक ने 11400 करोड़ रुपये से अधिक के फर्जी लेन-देन का पता चला, जिसमें नीरव मोदी और उनसे जुड़ी आभूषण कंपनियां शामिल हैं। पीएनबी की शाखा में 280 करोड़ रुपये के कथित ठगी और धोखाधड़ी मामले में वह पहले से ही सीबीआई जांच का सामना कर रहे हैं।

वहीं, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी धन शोधन के मामले में धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर चुकी है। ईडी ने पीएनबी में हुई 280 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के संबंध में नीरव मोदी एवं अन्य के खिलाफ मनी लॉड्रिंग का मामला दर्ज किया है। यह मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की प्राथमिकी के आधार पर दर्ज किया गया। सीबीआई ने 31 जनवरी को अरबपति हीरा कारोबारी नीरव मोदी, उनकी पत्नी, भाई और एक व्यापारिक भागीदार के खिलाफ पीएनबी के साथ 280.70 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था।

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