प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों से आने वाले समय में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से जुड़े किसी न किसी एक जगह की यात्रा जरूर करने का अनुरोध किया। पीएम मोदी ने अकाशवाणी पर ‘मन की बात’ कार्यक्रम में कहा कि वह कुछ महीने पहले गुजरात में दांडी गए थे। आजादी के आंदोलन में ‘नमक सत्याग्रह’, दांडी, एक बहुत ही बड़ी महत्वपूर्ण परिवर्तनकारी बिन्दु है। दांडी में उन्होंने महात्मा गांधी को समर्पित अति-आधुनिक एक संग्रहालय का उद्घाटन किया था। देशवासी आने वाले समय में महात्मा गांधी से जुड़े कोई-न-कोई एक जगह की यात्रा जरूर करें।
उन्होंने कहा कि इन स्थानों में पोरबंदर, साबरमती आश्रम, चंपारण, वर्धा का आश्रम और दिल्ली में महात्मा गांधी से जुड़े हुए स्थान हो सकते हैं। आप जब ऐसी जगहों पर जाए तो अपनी तस्वीरों को सोशल मीडिया पर साझा जरुर करें, ताकि अन्य लोग भी उससे प्रेरित हों और उसके साथ अपनी भावनाओं को व्यक्त करने वाले दो-चार वाक्य भी लिखिए। आपके मन के भीतर से उठे हुए भाव, किसी भी बड़ी साहित्य रचना से ज्यादा ता़कतवर होंगे।
दिवाली तक प्लास्टिक कचरा को करें समाप्त : मोदी
पर्यावरण को हो रहे भारी नुकसान के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार ही इस्तेमाल किए जाने वाले प्लास्टिक को समाप्त करने पर जोर दिया है। पीएम मोदी ने कहा कि पिछले कुछ सालों से दो अक्टूबर से पहले लगभग दो सप्ताह तक देशभर में ‘स्वच्छता ही सेवा’ अभियान चलाया जाता है। इस बार यह 11 सितम्बर से शुरू होगा। इस दौरान लोग अपने-अपने घरों से बाहर निकल कर श्रमदान के जरिए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को कार्यांजलि देंगे। घर हो या गलियाँ, चौक-चौराहे हो या नालियाँ, स्कूल, कॉलेज से लेकर सभी सार्वजनिक स्थलों पर स्वच्छता का महा अभियान चलाना है। इस बार प्लास्टिक पर विशेष जोर देना है।
उन्होंने कहा, “15 अगस्त को लाल किले से मैंने ये कहा कि जिस उत्साह व ऊर्जा के साथ सवा-सौ करोड़ देशवासियों ने स्वच्छता के लिए अभियान चलाया। खुले में शौच से मुक्ति के लिए कार्य किया। उसी प्रकार हमें साथ मिलकर सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तमाल को खत्म करना है। इस मुहीम को लेकर समाज के सभी वर्गों में उत्साह है। मेरे कई व्यापारी भाइयों-बहनों ने दुकान में एक तख्ती लगा दी है, एक प्लेकार्ड लगा दिया है। जिस पर यह लिखा है कि ग्राहक अपना थैला साथ ले करके ही आये। इससे पैसा भी बचेगा और पर्यावरण की रक्षा में वे अपना योगदान भी दे पायेंगे।”
प्रधानमंत्री ने कहा, “इस बार दो अक्टूबर को जब बापू की 150वीं जयंती मनायेंगे तो इस अवसर पर हम उन्हें न केवल खुले में शौच से मुक्त भारत समर्पित करेंगे बल्कि उस दिन पूरे देश में प्लास्टिक के खिलाफ एक नए जन-आंदोलन की नींव रखेंगे। मैं समाज के सभी वर्गों से, हर गाँव, कस्बे में और शहर के निवासियों से अपील करता हूँ, करबद्ध प्रार्थना करता हूँ कि इस वर्ष गांधी जयंती, एक प्रकार से हमारी इस भारत माता को प्लास्टिक कचरे से मुक्ति के रूप में हम मनाये। दो अक्टूबर विशेष दिवस के रूप में मनायें। महात्मा गांधी जयंती का दिन एक विशेष श्रमदान का उत्सव बन जाए।
देश की सभी नगरपालिका, नगरनिगम, जिला-प्रशासन, ग्राम-पंचायत, सरकारी-गैरसरकारी सभी व्यवस्थाएँ, सभी संगठन, एक-एक नागरिक हर किसी से मेरा अनुरोध है कि प्लास्टिक कचरे के कलेक्शन और स्टोरेज के लिए उचित व्यवस्था हो। मैं कारपोरेट सेक्टर से भी अपील करता हूँ कि जब ये सारा प्लास्टिक कचरा इकठ्ठा हो जाए तो इसके उचित निस्तारण की व्यवस्था हो। इसे रिसाइकिल किया जा सकता है। इसे ईंधन बनाया जा सकता है। इस प्रकार इस दिवाली तक हम इस प्लास्टिक कचरे के सुरक्षित निपटारे का भी कार्य पूरा कर सकते है। बस संकल्प चाहिए। प्रेरणा के लिए इधर-उधर देखने की जरुरत नहीं है गांधी से बड़ी प्रेरणा क्या हो सकती है।”
29 अगस्त से शुरू किया जाएगा फिट इंडिया अभियान
पीएम मोदी ने कहा कि लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरुक और चुस्त-दुरुस्त रखने के लिए इस वर्ष 29 अगस्त को राष्ट्र खेल दिवस के अवसर पर ‘फिट इंडिया मूवमेंट’ शुरु किया जायेगा। मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में कहा, “29 अगस्त को ‘राष्ट्र खेल दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर हम देश भर में ‘फिट इंडिया मूवमेंट’ लांच करने वाले हैं। खुद को फिट रखना है। देश को फिट बनाना है। हर एक के लिए बच्चे, बुजुर्ग, युवा, महिला सब के लिए ये बड़ा रोचक अभियान होगा और ये आपका अपना होगा।”
प्रधानमंत्री ने कहा, “लेकिन उसकी बारीकियां आज मैं बताने नहीं जा रहा हूँ। 29 अगस्त का इंतजार कीजिये। मैं खुद उस दिन विस्तार से विषय में बताने वाला हूँ और आपको जोड़े बिना रहने वाला नहीं हूँ। क्योंकि आपको मैं फिट देखना चाहता हूँ। आपको फिटनेस के लिए जागरूक बनाना चाहता हूँ और फिट इंडिया के लिए देश के लिए हम मिल करके कुछ लक्ष्य भी निर्धारित करें।” उन्होंने कहा कि उन्हें आपका इंतजार रहेगा 29 अगस्त को फिट इंडिया में। सितम्बर महीने में ‘पोषण अभियान’ में। और विशेषकर 11 सितम्बर से 02 अक्टूबर ‘स्वच्छता अभियान’ में।
हर देशवासी कम से कम एक व्यक्ति को कुपोषण से बाहर निकाले : PM
पीएम नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को आह्वान किया कि वे अगले माह पोषण अभियान में भाग लें और हर देशवासी कम से कम एक कुपोषित व्यक्ति को कुपोषण से बाहर निकालने में योगदान करें। मोदी ने संस्कृत के सुभाषितों में से एक को उद्धृत किया, “पृथिव्यां त्रीणि रत्नानि, जलमन्नं सुभाषितम्। मूढै: पाषाणखण्डेषु रत्नसंज्ञा प्रदीयते।” यानी पृथ्वी में जल, अन्न और सुभाषित, ये तीन रत्न हैं। पर मूर्ख लोग पत्थरों को रत्न कहते हैं।
उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति में अन्न की बहुत अधिक महिमा रही है। यहां तक कि हमने अन्न के ज्ञान को भी विज्ञान में बदल दिया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि संतुलित और पोषक भोजन हम सभी के लिए जरुरी है। विशेष रूप से महिलाओं और नवजात शिशुओं के लिए, क्योंकि, ये ही समाज के भविष्य की नींव है। ‘पोषण अभियान’ के अंतर्गत पूरे देशभर में आधुनिक वैज्ञानिक तरीकों से पोषण को जन-आन्दोलन बनाया जा रहा है। लोग नए और दिलचस्प तरीकों से कुपोषण से लड़ाई लड़ रहे हैं।
उन्होंने महाराष्ट्र के नासिक में चल रहे ‘मुट्ठी भर धान्य’ आन्दोलन का उल्लेख करते हुए कहा कि इसमें फसल कटाई के दिनों में आंगनवाड़ी सेविकाएँ लोगों से एक मुट्ठी अनाज इकठ्ठा करती हैं। इस अनाज का उपयोग बच्चों और महिलाओं के लिए गर्म भोजन बनाने में किया जाता है। इसमें दान करने वाला व्यक्ति एक प्रकार से जागरुक नागरिक समाज सेवक बन जाता है और उस आन्दोलन का वो एक सिपाही बन जाता है। उन्होंने कहा कि हम सभी ने परिवारों में हिंदुस्तान के हर कोने में अन्न प्राशन संस्कार के बारे में सुना है। ये संस्कार तब किया जाता है जब बच्चे को पहली बार तरल भोजन की बजाय ठोस आहार खिलाना शुरू करते हैं।
उन्होंने 2010 में गुजरात में आरंभ ‘अन्न प्राशन संस्कार’ कार्यक्रम का जिक्र करते हुए कहा कि बच्चों को पूरक आहार दिये जाने की यह एक बहुत ही शानदार पहल है जिसे हर कहीं अपनाया जा सकता है। कई राज्यों में लोग तिथि भोजन अभियान चलाते हैं। अगर परिवार में जन्मदिन हो, कोई शुभदिन हो, कोई स्मृति दिवस हो, तो परिवार के लोग, पौष्टिक खाना, स्वादिष्ट खाना बनाकर के आंगनवाड़ी में जाते हैं, स्कूलों में जाते हैं और परिवार के लोग खुद बच्चों को परोसते हैं, खिलाते हैं। अपने आनंद को भी बाँटते हैं और आनंद में इजाफा करते हैं। सेवाभाव और आनंदभाव का अछ्वुत मिलन नजर आता है।
पीएम मोदी ने कहा, “साथियों, ऐसी कई सारी छोटी-छोटी चीजें हैं जिससे हमारा देश कुपोषण के खिला़फ एक प्रभावी लड़ाई लड़ सकते हैं। आज जागरूकता के आभाव में कुपोषण से गरीब भी और संपन्न भी दोनों ही तरह के परिवार प्रभावित हैं। पूरे देश में सितंबर महीना ‘पोषण अभियान’ के रूप में मनाया जाएगा। आप जरुर इससे जुड़िए, जानकारी लीजिये, कुछ नया जोड़िये। आप भी योगदान दीजिये। अगर आप एकाध व्यक्ति को भी कुपोषण से बाहर लाते हैं मतलब हम देश को कुपोषण से बाहर लाते हैं।”