प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिंदी और मराठी फिल्मों के दिग्गज अभिनेता डॉ. श्रीराम लागू के निधन पर शोक व्यक्त करते हुये कहा कि वह बहुमुखी प्रतिभा के धनी थी उनका प्रदर्शन दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देता था। मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘‘डॉ. श्रीराम लागू बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। उन्होंने कई वर्षो तक उत्कृष्ट प्रदर्शन के साथ दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया। उनके काम को आने वाले वर्षो तक याद रखा जाएगा। उनके निधन से दुख हुआ है। उनके प्रशंसकों के प्रति संवेदना। ओम शान्ति।’’
गौरतलब है कि श्रीराम लागू का 92 वर्ष की आयु में लंबी बीमारी के बाद मंगलवार को पुणे के एक अस्पताल में निधन हो गया। महाराष्ट्र के सतारा जिले में जन्में श्रीराम लागू ने मुंबई यूनिवर्सिटी से ईएनटी सर्जरी में डिग्री हासिल की और पुणे में डॉक्टरी की। इससे पहले वह मेडिकल कॉलेज में पढ़ई के दौरान ही थियेटर से जुड़ गये थे।
बाद में मराठी में कुछ नाटकों के जरिए अपने कैरियर की शुरुआत की। वर्ष 1972 में पिंजरा फिल्म से उन्होंने बॉलीवुड की दुनिया में कदम रखा। उन्होंने दो सौ से अधिक हिन्दी फिल्में की जिनमें उन्होंने पिता, विलेन अथवा पुलिस अधिकारी जैसे विभिन्न किरदारों को जीवंत किया। वर्ष 1977 में रिलीज घरौंदा फिल्म के लिए बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर के फिल्म फेयर अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।
इसके बाद 1997 में उन्हें कालीदास सम्मान और 2010 में उन्हें संगीत नाटक अकादमी के फेलोशिप अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। श्रीराम लागू की महत्वपूर्ण हिंदी फिल्मों में मुकद्दर का सिकंदर, हेरा फेरी, घरौंदा, मंजिल, थोड़ सी बेवफाई, लावारिस, श्रीमान श्रीमती, विधाता, सदमा और इंसाफ की पुकार जैसी फिल्में शामिल हैं।