प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के लिए रेलवे की दो मल्टी ट्रैकिंग परियोजनाओं को मंजूरी दी है, जो 176 किलोमीटर तक नेटवर्क का विस्तार करेंगी। इन परियोजनाओं से लॉजिस्टिक लागत कम होगी और पर्यावरणीय लाभ मिलेंगे। 2029-30 तक पूरी होने वाली इन परियोजनाओं की लागत लगभग 3,399 करोड़ रुपए है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के लोगों को नई परियोजनाओं की मंजूरी के लिए बधाई दी। उन्होंने इन परियोजनाओं से दोनों राज्यों के विकास को बढ़ावा मिलने की बात कही। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए लिखा, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के लोगों को बधाई! कैबिनेट द्वारा दो परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है, जो विकास, स्थिरता, कम लॉजिस्टिक लागत और बहुत कुछ को बढ़ावा देंगी। दरअसल, भारतीय रेल की लाइन क्षमता बढ़ाने के लिए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने बुधवार को भारतीय रेल में दो मल्टी ट्रैकिंग परियोजनाओं को मंजूरी दी, ताकि यात्रियों और वस्तुओं का निर्बाध एवं तेज परिवहन सुनिश्चित किया जा सके।
Congratulations to the people of Maharashtra and Madhya Pradesh! Two projects have been approved by the Cabinet, which will boost growth, sustainability, lower logistics costs and more. https://t.co/XfRWs7ULVx
— Narendra Modi (@narendramodi) May 28, 2025
महाराष्ट्र-मध्य प्रदेश को पीएम की सौगात
इन परियोजनाओं में रतलाम-नागदा तीसरी और चौथी लाइन और वर्धा-बल्हारशाह चौथी लाइन शामिल हैं। इनकी कुल अनुमानित लागत 3,399 करोड़ रुपए (लगभग) है और इन्हें 2029-30 तक पूरा किया जाएगा। ये परियोजनाएं मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के लिए पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान का परिणाम हैं, जो एकीकृत योजना के माध्यम से संभव हुई हैं। ये यात्रियों, वस्तुओं और सेवाओं के लिए निर्बाध संपर्क प्रदान करेंगी। महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के चार जिलों को समाहित करने वाली ये दो परियोजनाएं भारतीय रेल के मौजूदा नेटवर्क को लगभग 176 किलोमीटर तक विस्तारित करेंगी। प्रस्तावित मल्टी-ट्रैकिंग परियोजना लगभग 784 गांवों तक संपर्क सुविधा बढ़ाएगी, जिनकी आबादी लगभग 19.74 लाख है।
176 किलोमीटर तक रेलवे का विस्तार
ये कोयला, सीमेंट, क्लिंकर, जिप्सम, फ्लाई ऐश, कंटेनर, कृषि वस्तुओं और पेट्रोलियम उत्पादों जैसी वस्तुओं के परिवहन के लिए आवश्यक मार्ग हैं। क्षमता वृद्धि कार्यों के परिणामस्वरूप 18.40 एमटीपीए (मिलियन टन प्रति वर्ष) की अतिरिक्त माल ढुलाई होगी। रेलवे पर्यावरण के अनुकूल और ऊर्जा कुशल परिवहन का साधन है, जो जलवायु लक्ष्यों को प्राप्त करने और देश की लॉजिस्टिक लागत, तेल आयात (20 करोड़ लीटर) को कम करने और कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन (99 करोड़ किलोग्राम) में कमी करने में मदद करेगा, जो 4 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है। बढ़ी हुई लाइन क्षमता से गतिशीलता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी, जिसके परिणामस्वरूप भारतीय रेल के लिए परिचालन दक्षता और सेवा विश्वसनीयता में सुधार होगा।