रेलवे और कोयला मंत्री पीयूष गोयल ने आज कहा कि पारदर्शिता मोदी सरकार की ‘अनूठी पहचान’ बन गई है और इस सरकार ने पिछले तीन-साढे तीन साल में कालाधन, कालाबाजारी और भ्रष्टाचार से निपटने के लिए जितने कठोर कदम उठाये हैं वैसा देश के इतिहास में पहले कभी नहीं हुआ।
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार अंतर्राष्ट्रीय प्रोटोकॉल से बंधे होने के कारण विदेश में निवेश करने से जुडे पैराडाइज पेपर्स लीक से जुडे 714 भारतीयों के नाम खुद सार्वजनिक नहीं कर सकती हालांकि इन सबसे पूछताछ होगी। गोयल ने आज यहां पत्रकारों से कहा कि कांग्रेस सरकार चारो तरफ से घोटालों में घिरी रही थी और यह अब मोदी सरकार के सामने सवाल खडे कर रही है।
कांग्रेस अपने शासन में ऐसे दो कदम नहीं बता सकती जो इसने कालेधन और भ्रष्टाचार पर कारगर रोक के लिए उठाये हों। पर मोदी सरकार ने इस मामले में गठित एसआईटी के सुझाव पर लगातार काम किया है। पारदर्शिता सरकार की अनूठी पहचान बन गई है। उन्होंने कोई नाम लिये बिना कहा कि उन्हें हैरानी होती है कि कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता जो दस साल तक वित्त मंत्री रहे हैं, अब पैराडाइज पेपर्स लीक से जुडे 714 भारतीयों के नाम सार्वजनिक करने के लिए सरकार से मांग कर रहे हैं।
सरकार ऐसा नहीं कर सकती क्योंकि यह अंतर्राष्ट्रीय प्रोटोकॉल के खिलाफ है और ऐसा करने से अन्य देशों से हमे मिलने वाला सहयोग प्रभावित हो सकता है। पहले पनामा पेपर्स और अब पैराडाइज पेपर्स दोनो मामलों में पडताल की जा रही है। केवल नाम आने से किसी को दोषी नहीं करार दिया जा सकता है। छानबीन की कानूनी प्रक्रिया के बाद ही ऐसा किया जा सकता है। इस मामले में अदालत नामों को सार्वजनिक करने के आदेश दे सकती है।
गोयल ने इससे पहले आज गुजरात में सत्तारूढ भाजपा के लिए चुनाव प्रचार के गुजरात गौरव महासंपर्क अभियान के तहत यहां नारोल इलाके में घर घर जाकर प्रचार किया। उन्हेंने कहा कि लोगों को भाजपा पर पूरा विश्वास है और गुजरात में पार्टी 150 से अधिक सीटें जीतेगी।