पश्चिम बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश में “फेक वोटर” को लेकर सियासत तेज हो गई है। राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बाद अब कांग्रेस पार्टी के नेता प्रदीप भट्टाचार्य ने भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने “फेक वोटरों” की पहचान के लिए फिजिकल वेरिफिकेशन की मांग की है।
प्रदीप भट्टाचार्य ने कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी “फेक वोटर” के दम पर हैं। जो लोग मर चुके हैं, उनके नाम पर भी “फेक वोट” डाले जाते हैं। हम लोगों ने कई बार चुनाव आयोग में शिकायत की, लेकिन चुनाव आयोग ने संज्ञान नहीं लिया। हम चाहते हैं कि चुनाव आयोग “फेक वोटर” के खिलाफ फिजिकल वेरिफिकेशन करे।
विधानसभा चुनाव को लेकर पार्टी की तैयारियों के बारे में प्रदीप भट्टाचार्य ने बताया कि शनिवार को पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस कमेटी की बैठक हुई, जिसमें विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई। हम बंगाल में पार्टी को मजबूत करने का काम करेंगे और वादा करते हैं कि कांग्रेस 2026 में बंगाल की सत्ता में आएगी।
उल्लेखनीय है कि “फेक वोटर” के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 27 फरवरी को एक सभा के दौरान कहा था कि भाजपा ने राज्य की मतदाता सूची में हेराफेरी के लिए दो ऑनलाइन एजेंसियों की नियुक्ति की है, जो यह सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय हो गई हैं कि दूसरे राज्यों के मतदाता 2026 के बंगाल विधानसभा चुनावों में मतदान कर सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा, “जहां तक मुझे जानकारी मिली है, इस उद्देश्य के लिए दो एजेंसियों, एसोसिएशन ऑफ ब्रिलियंट माइंड्स और कंपनी इंडिया 360 को नियुक्त किया गया है। इन एजेंसियों ने डेटा एंट्री ऑपरेटरों से संपर्क किया। उन्होंने कुछ गलत ब्लॉक-स्तरीय रिटर्निंग अधिकारियों के साथ मिलकर ऐसा किया। वे दूसरे राज्यों के मतदाताओं के नामों को पश्चिम बंगाल के मतदाताओं के मतदाता कार्ड नंबर से जोड़ रहे हैं।” उन्होंने कहा कि दिल्ली, महाराष्ट्र और हरियाणा जैसे राज्यों में चुनाव से पहले भी यही गड़बड़ी की गई थी, जिससे भाजपा को वहां जीत हासिल करने में मदद मिली।