म्यांमार में आए भीषण भूकंप के बाद भारत ने मानवीय सहायता के रूप में तीसरी मदद भेजी है। इसी कड़ी में शनिवार को ऑपरेशन ब्रह्मा के तहत भारतीय वायुसेना का एक और सी-130 विमान म्यांमार की राजधानी नेपीडॉ में उतरा। इस विमान के जरिए 38 एनडीआरएफ कर्मी और 10 टन राहत सामग्री भेजी गई है, जिससे आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्यों में तेजी लाई जा सके।
भारत का म्यांमार के प्रति मानवीय प्रयास
विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इस सहायता मिशन की जानकारी देते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट किया। उन्होंने बताया कि भारत का यह तीसरा विमान है, जो ऑपरेशन ब्रह्मा के तहत म्यांमार में राहत सामग्री पहुंचाने के लिए भेजा गया है। इसमें खाद्य सामग्री, दवाइयां और अन्य आवश्यक राहत सामग्री शामिल है।
पोस्ट शेयर करते हुए लिखा कि एक और सी-130 विमान एनडीआरएफ के 38 कर्मियों और 10 टन राहत सामग्री के साथ राजधानी शहर नेपीडॉ में उतरा। यह आज म्यांमार में राहत सहायता लाने वाला तीसरा भारतीय विमान है। ऑपरेशन ब्रह्मा।
राहत और बचाव अभियान जारी
भारत द्वारा भेजी गई एनडीआरएफ टीम म्यांमार में राहत और बचाव कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इसके अलावा, दो और भारतीय नौसैनिक जहाजों के भी जल्द ही म्यांमार पहुंचने की उम्मीद है। साथ ही, आगरा से 118 सदस्यों वाली एक फील्ड अस्पताल यूनिट भी राहत अभियान में शामिल होने के लिए रवाना होने वाली है।
भारत का यह कदम म्यांमार में हाल ही में आई प्राकृतिक आपदा के बाद प्रभावित लोगों को मदद प्रदान करने के लिए उठाया गया है। एनडीआरएफ की टीम राहत और बचाव कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इसके साथ ही 10 टन राहत सामग्री में खाने-पीने की वस्तुएं, दवाइयां और अन्य आवश्यक सामग्री शामिल हैं, जो प्रभावित क्षेत्रों में वितरित की जाएगी। ऑपरेशन ब्रह्मा के तहत भारत आपदा की घड़ी में म्यांमार के साथ खड़ा दिखाई दे रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी की संवेदनाएं और भारत की प्रतिबद्धता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को म्यांमार के वरिष्ठ जनरल मिन आंग ह्लाइंग से बातचीत की और इस भूकंप में मारे गए लोगों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि भारत, एक करीबी मित्र और पड़ोसी होने के नाते, इस कठिन समय में म्यांमार के लोगों के साथ मजबूती से खड़ा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने X पोस्ट में कहा : –
“म्यांमार के वरिष्ठ जनरल मिन आंग ह्लाइंग से बात की। विनाशकारी भूकंप में हुई मौतों पर अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की। एक करीबी दोस्त और पड़ोसी के रूप में, भारत इस मुश्किल घड़ी में म्यांमार के लोगों के साथ एकजुटता से खड़ा है। ऑपरेशन ब्रह्मा के तहत आपदा राहत सामग्री, मानवीय सहायता, खोज और बचाव दल को प्रभावित क्षेत्रों में तेजी से भेजा जा रहा है।”
म्यांमार में भूकंप की भयावह स्थिति
शुक्रवार दोपहर 7.7 तीव्रता का भूकंप म्यांमार के सागाइंग क्षेत्र में आया, जिसके बाद 2.8 से 7.5 तीव्रता तक के 12 झटके महसूस किए गए। इससे प्रभावित इलाकों में स्थिति और अधिक गंभीर हो गई।
म्यांमार के राज्य प्रशासन परिषद के अनुसार, इस भीषण आपदा में 1,002 लोगों की मृत्यु, 2,376 लोग घायल, और 30 लोग अभी भी लापता हैं। स्थानीय और अंतर्राष्ट्रीय समुदायों से मानवीय सहायता की अपील की गई है। इस भूकंप के झटके थाईलैंड, चीन और भारत के कुछ हिस्सों में भी महसूस किए गए।
तेजी से राहत भेजकर भारत ने मानवीय मूल्यों और पड़ोसी सहयोग की मिसाल पेश की
भारत द्वारा ऑपरेशन ब्रह्मा के तहत की जा रही मानवीय सहायता दोनों देशों के मजबूत संबंधों को दर्शाती है। संकट की इस घड़ी में तेजी से राहत भेजकर भारत ने मानवीय मूल्यों और पड़ोसी सहयोग की मिसाल पेश की है।