राजनाथ सिंह ने अरुणाचल फ्रंटियर हाईवे को पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास और एकजुटता के लिए महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि यह हाईवे रणनीतिक और आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। उन्होंने मेजर बॉब खटिंग के प्रशासनिक गुणों की प्रशंसा की और कहा कि उनकी नीतियों का प्रभाव आज भी सरकार की नीतियों में देखा जा सकता है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को देश के पूर्वोत्तर क्षेत्र, खासकर सीमावर्ती क्षेत्रों को विकसित करने और ‘एकजुट’ करने के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अरुणाचल फ्रंटियर हाईवे जैसी परियोजनाएं, तवांग में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के साथ-साथ इसमें बड़ी भूमिका निभाएंगी। नई दिल्ली में मानेकशॉ सेंटर में आयोजित मेजर बॉब खटिंग स्मारक पर अपने संबोधन के दौरान रक्षा मंत्री ने कहा, अरुणाचल फ्रंटियर हाईवे के खुलने से पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र, खासकर सीमावर्ती क्षेत्रों को एकजुट करने में भी बड़ी भूमिका निभानी होगी। करीब 2000 किलोमीटर लंबा यह हाईवे पूर्वोत्तर क्षेत्र और एक तरह से भारत के लिए किसी रणनीतिक संपत्ति से कम नहीं है। यह पूरे क्षेत्र के लिए एक आर्थिक संपत्ति के रूप में भी काम करेगा।
उन्होंने भारत की विदेश नीति में भी मेजर बॉब खटिंग की मौजूदगी के गुणों पर प्रकाश डाला। रक्षा मंत्री ने आगे कहा, अगर हम उनके गुणों से सीखने की बात करें, तो मेजर बॉब खटिंग का प्रभाव हमारी सरकार की विदेश नीति में भी देखने को मिलेगा। इस बहुध्रुवीय विश्व में, अनिश्चितताओं के बीच, भारत अपनी हार्ड पावर और सॉफ्ट पावर के बीच संतुलन बनाए रखते हुए अपनी विदेश नीति तैयार कर रहा है। जिस तरह से भारत ने इस दुनिया में अपनी स्थिति मजबूत की है, वह हम सभी के लिए गर्व की बात है। मेजर को “प्रशासनिक दक्षता” के लिए जाना जाता था और कैसे वे सिद्धांत आज भी सरकार का मार्गदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने उत्तर पूर्व के कई क्षेत्रों में नागरिक प्रशासन में कई पदों पर काम किया। उस दौरान उन्होंने जो कदम उठाए, वे आज भी हमारा मार्गदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने ‘सशस्त्र सीमा बल’ के गठन में भी बहुत योगदान दिया।
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इसके अलावा, नागालैंड सशस्त्र पुलिस का गठन करके उन्होंने उस क्षेत्र में शांति स्थापित की और लोगों और सरकार के बीच की खाई को पाटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। नागालैंड के मुख्य सचिव के रूप में उन्होंने कई सुधारों की शुरुआत भी की। उन्होंने रेखांकित किया कि मेजर के गुण भारत के शासन में भी मौजूद हैं। उन्होंने कहा, एक सरकार के तौर पर हमने भी मेजर बॉब खाथिंग से शासन और प्रशासन के गुण सीखे हैं। हमारी सरकार ने प्रशासनिक सुधारों पर ध्यान केंद्रित किया है। ‘न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन’ और ‘सुशासन’ के प्रयासों के माध्यम से हमने जनता और सरकार के बीच की दूरी को कम किया है। अन्य पहलों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, ‘डिजिटल इंडिया’ और ‘जेएएम ट्रिनिटी’ के माध्यम से आज प्रशासन पहले की तुलना में अधिक जनोन्मुखी हो गया है। हमारे प्रशासनिक सुधारों की प्रेरणा में कहीं न कहीं मेजर बॉब खाथिंग के आदर्श भी शामिल हैं।